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इलाहाबाद हाई कोर्ट से दिलीप मिश्र को राहत, शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान के ध्वस्तीकरण पर रोक जारी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्र के मायादेवी स्मारक शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान नैनी प्रयागराज के ध्वस्तीकरण पर रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने संस्थान से कहा है कि वह 48 घंटे में सक्षम प्राधिकारी को कंपाउंडिंग के लिए अर्जी दे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 07:47 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट से दिलीप मिश्र को राहत, शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान के ध्वस्तीकरण पर रोक जारी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया दिलीप मिश्र के संस्थान के ध्वस्तीकरण पर रोक बरकरार रखी है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्र के मायादेवी स्मारक शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान नैनी प्रयागराज के ध्वस्तीकरण पर रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने संस्थान से कहा है कि वह 48 घंटे में सक्षम प्राधिकारी को कंपाउंडिंग के लिए अर्जी दे। प्राधिकारी एक हफ्ते में नियमानुसार विचार कर आदेश पारित करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल उन्हीं की कंपाउंडिंग की जाए जिनकी जमीन पर निर्माण बाइलाज से हो व मास्टर प्लान में कंपाउंडिंग किये जाने योग्य हो। अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

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यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने संस्थान की याचिका पर दिया है। अधिवक्ता लोकेश कुमार द्विवेदी का कहना है कि याची के विद्यालय में 679 छात्र पढ़ रहे हैं। ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील जिस दिन तय की उसी दिन शाम को ध्वस्तीकरण टीम पहुंच गयी। सुनवाई का मौका तक नहीं दिया। इस पर कोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर रोक लगाकर प्रयागराज विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा है।

याची का कहना है कि उसने कंपाउंडिंग की अर्जी दी है। लेकिन, उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पीडीए का कहना है कि याची संस्थान ग्रीन बेल्ट में है। जिसकी कंपाउंडिंग नहीं की जा सकती। इसके जवाब में याची ने कहा कि बिना कंपाउंडिंग के तमाम निर्माण एरिया में धड़ल्ले से जारी है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण केवल याची के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार करने से इन्कार कर दिया है और कहा कि याची की अर्जी पर निर्णय लिया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं की कंपाउन्डिंग की जाए जिनकी जमीन पर निर्माण बाईलाज व मास्टर प्लान में कंपाउंडिंग किए जाने योग्य हो। याचिका की सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।


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