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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली की अंतरिम अग्रिम जमानत की मंजूर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली की सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। लेकिन उनके बेटे विष्णु मिश्र को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:09 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 08:19 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली की अंतरिम अग्रिम जमानत की मंजूर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली की सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली की सशर्त अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। लेकिन, उनके बेटे विष्णु मिश्र को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने सह अभियुक्तों की अर्जियों की सुनवाई करते हुए दिया है।

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पूर्व विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली के खिलाफ संत रविदासनगर भदोही जिले के गोपीगंज थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने उन्हें डेढ़ लाख रुपये के मुचलके पर अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि वह सात अक्टूबर बुधवार से एक हफ्ते तक प्रतिदिन 11 बजे विवेचनाधिकारी के समक्ष हाजिर होकर विवेचना में सहयोग करेंगी। इसके बाद भी बुलाए जाने पर विवेचनाधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर होंगी। बिना कोर्ट की अनुमति विदेश नहीं जाएंगी। यदि पासपोर्ट हो तो संबंधित उसे एसएसपी/एसपी के समक्ष जमा कर दें। वह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पीड़ित पक्ष को धमकी या प्रलोभन नहीं देंगी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि शर्त उल्लंघन की दशा में इस कोर्ट में अंतरिम अग्रिम जमानत के विरुद्ध अर्जी दी जा सकती है। इस मामले में राज्य सरकार से चार हफ्ते में जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सह अभियुक्त विष्णु मिश्र को यह कहते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया कि वे विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इसके खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी खारिज कर दी गयी है। सारा व्यवसाय याची देख रहा है। एफआइआर दर्ज होने के बाद बैंक से पैसे भी निकाले हैं। पीड़ित पक्ष ने धमकी देने की शिकायत भी की है। ऐसे में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।


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