Move to Jagran APP

इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रधानाचार्य भर्ती में यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के रवैये पर नाराज

उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिए 2011 में हुए साक्षात्कार का परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। हाई कोर्ट ने चयन बोर्ड के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:38 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 07:38 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रधानाचार्य भर्ती में यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के रवैये पर नाराज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की भर्ती मामले में सुनवाई की।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की भर्ती के लिए 2011 में हुए साक्षात्कार का परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। हाई कोर्ट ने चयन बोर्ड के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 2014 में 21 जनवरी से 26 फरवरी तक हुए साक्षात्कार को विधि सम्मत माना है। इसके बाद भी सचिव उत्तर प्रदेश व सचिव उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का छह मार्च 2020 का आदेश कोर्ट की अवहेलना करने वाला है। कोर्ट ने राज्य सरकार व बोर्ड को आदेश संशोधित करने का समय दिया है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो अवमानना कार्रवाई की जाएगी।

prime article banner

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने दीपक भाटिया व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वयं ही हलफनामा दाखिल कर कहा है कि 21 जनवरी से 26 फरवरी 2014 तक हुए अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की भर्ती में हुए साक्षात्कार सही हैं, जबकि दो जून से तीन जुलाई 2014 तक हुए साक्षात्कार 26 जून 2014 के शासनादेश से निरस्त हो चुके हैं। 27 अप्रैल 2015 से छह मई 2015 तक हुए साक्षात्कार शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन के इस्तीफा देने के कारण स्थगित है।

वहीं, 18 मई 2015 से 26 जून 2015 तक साक्षात्कार लिये गए हैं। याची अधिवक्ता का कहना है कि जब खंडपीठ ने कहा है कि 21 जनवरी से 26 फरवरी 2014 के बीच हुए साक्षात्कार पर विवाद नहीं है। याची इसी श्रेणी के अभ्यर्थी है तो परिणाम न घोषित करना कोर्ट की अवहेलना है। याचिका में मेरठ, मुरादाबाद व फैजाबाद परिक्षेत्र के इस साक्षात्कारों के परिणाम घोषित करने की मांग की गयी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.