इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चीनी मिल घोटाले के आरोपितों की याचिका खारिज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र राज्य चीनी निगम लिमिटेड की सात चीनी मिलों को बेचने में करोड़ों की धोखाधड़ी व घोटाले के आरोपितों की याचिका खारिज कर दी है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र राज्य चीनी निगम लिमिटेड की सात चीनी मिलों को बेचने में करोड़ों की धोखाधड़ी व घोटाले के आरोपितों की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि वे लखनऊ पीठ में याचिका दाखिल कर सकते हैं। याचिका में गोमतीनगर लखनऊ कोतवाली में दर्ज एफआइआर के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी। मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश ने याचिका का प्रतिवाद किया।
यह आदेश न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति आइए खान की खंडपीठ ने नम्रता मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नई दिल्ली की निदेशक सुमन शर्मा, सहारनपुर के कंपनी के निदेशक मोहम्मद नसीम अहमद, मोहम्मद जावेद और मोहम्मद वाजिद अली की याचिका पर दिया है। उप्र राज्य चीनी निगम की 10 चालू व 11 बंद चीनी मिलें सरकार ने बेच दी, जिसे नम्रता मार्केटिंग ने नीलामी में खरीदा। इनमें सात चीनी मिलों को बेचने में घपला पाया गया।
निगम के मुख्य प्रबंधक एसके मेहरा ने धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। रामकोला चीनी मिल, देवरिया, कुशीनगर, बरेली, सहित कई अन्य जिलों की चीनी मिलें बेची गई। सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन अधिकारी ने जांच कर रिपोर्ट दी। इसके बाद 22 फरवरी 2019 को घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई है।
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