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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा सांसद आजम खां की पत्नी के रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण पर फिलहाल लगाई रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा के सांसद मो. आजम खां की पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा के नाम से रामपुर में बने रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण के खिलाफ अपील तय होने तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 12:54 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा सांसद आजम खां की पत्नी के रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण पर फिलहाल लगाई रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा सांसद आजम खां की पत्नी के रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण पर फिलहाल लगाई रोक

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद मो. आजम खां की पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा के नाम से रामपुर में बने रिसॉर्ट के ध्वस्तीकरण के खिलाफ अपील तय होने तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने याची को दो सप्ताह के भीतर ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ विभागीय अपील दाखिल करने और संबंधित प्राधिकारी को चार सप्ताह में अपील का निस्तारण करने का आदेश दिया है। इस दौरान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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रामपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 27 अगस्त, 2020 को जारी ध्वस्तीकरण नोटिस को डॉ. तंजीन फातिमा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की। रामपुर विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ताओं ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याची के पास अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट के तहत ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का विकल्प मौजूद है। लेकिन, ऐसा न करके उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। यह याचिका पोषणीय नहीं है।

रामपुर विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ताओं की दलीलों के विरोध में डॉ. तंजीन फातिमा के वकील सफदर अली काजमी का कहना था कि दो सप्ताह के भीतर अपील दाखिल कर दी जाएगी। तब तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए और एक निश्चित अवधि के भीतर अपील के निस्तारण का आदेश दिया जाए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि याची के पास अपील दाखिल करने का विकल्प है, इसलिए वह हमारे आदेश की प्रति के साथ दो सप्ताह में अपील दाखिल करें और संबंधित प्राधिकारी अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर चार सप्ताह में कर दें। इस दौरान अगले छह सप्ताह या अपील के निस्तारण तक जो पहले हो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि याची अपील दाखिल नहीं करती हैं तो इस आदेश का लाभ उनको नहीं मिलेगा।


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