कोरोना संदिग्ध को होम क्वारंटाइन की छूट नहीं देने पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने बैठाई कोर्ट
कोरोना संदिग्ध को अपनी पसंद के स्थान या घर में क्वारंटाइन की छूट न देकर जबरन क्वारंटाइन सेंटर में ले जाने को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने गंभीरता से लिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संदिग्ध को अपनी पसंद के स्थान या घर में क्वारंटाइन की छूट न देकर जबरन क्वारंटाइन सेंटर में ले जाने को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने गंभीरता से लिया है और विचाराधीन जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने होम क्वारंटाइन में रहने या अपनी पसंद के स्थान पर स्वयं क्वारंटाइन में रहने के निर्देश जारी किए हैं, फिर भी कोरोना संदिग्ध को जबरन सेंटर ले जाया जा रहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर के आदेश पर 20 जुलाई से पहले ही 17 जुलाई को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ सुनवाई के लिए बैठी। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि अपने घर या मर्जी से स्वयं क्वारंटाइन होने के बारे मे सरकार कदम उठाने जा रही है। संस्थागत आइसोलेशन का स्कोप बढ़ाने के कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा शारीरिक दूरी बनाये रखने के लिए पुलिस पेट्रोलिंग एवं स्पीकर से उद्घोषणा की जा रही है। शारीरिक दूरी की महत्ता की जानकारी दी जा रही है। शारीरिक दूरी न बनाने व मास्क न पहनने वालों पर अर्थदंड लगा कर सख्त संदेश दिया जा रहा है।
आईजी पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि नियमित पेट्रोलिंग कर पैंडेमिक रेग्यूलेशन 20 का कड़ाई से लागू किया जा रहा है। उन्होंने नगर निगम प्रयागराज को निर्देश देने की मांग की कि दुकानों में और बाहर भीड़ न लगने पाये। हाई कोर्ट ने नगर आयुक्त से इस आदेश के अनुपालन के साथ हलफनामा मांगा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज की तरफ से मौजूद डॉ. मंगेश कुमार श्रीवास्तव से अदालत ने हाई कोर्ट में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भी जानकारी मांगी है। अह इस मामले की याचिका की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।