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इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने अनशन पर बैठे अधिवक्ता की बार सदस्यता की निलंबित

बेमियादी अनशन कर रहे इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व गवर्निंग काउंसिल सदस्य ऋतेश श्रीवास्तव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 11:35 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने अनशन पर बैठे अधिवक्ता की बार सदस्यता की निलंबित
इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने अनशन पर बैठे अधिवक्ता की बार सदस्यता की निलंबित

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, अपराधियों को पकड़कर गोली मारने जैसे मुद्दों पर बेमियादी अनशन कर रहे इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व गवर्निंग काउंसिल सदस्य ऋतेश श्रीवास्तव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनकी गतिविधियों को अधिवक्ता विरोधी पाया है। इस आरोप में उनकी बार की सदस्यता निलंबित कर दी है। बार ने नोटिस जारी करके उनसे 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। ऋतेश के खिलाफ हाई कोर्ट बार की नवनिर्वाचित कार्यकारणी के सभी सदस्यों ने एक मत से प्रस्ताव पास करके शिकायत दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए बार के अध्यक्ष राकेश पांडेय और महासचिव जेबी सिंह ने यह कार्रवाई की है। 

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नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का आरोप है कि पिछले कई वर्षों से ऋतेश श्रीवास्तव की गतिविधियां ऐसी रही हैं, जिससे अधिवक्ताओं के सम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने 2014 में चीफ जस्टिस कोर्ट में तालाबंदी की, जिसकी वजह से सात जजों की पीठ ने वकीलों के अधिकारों में कटौती कर दी। वह सोशल मीडिया पर लगातार वरिष्ठ वकीलों और जजों के खिलाफ टिप्पणियां करते हुए लेख लिखते रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने धरना प्रदर्शन करके महामारी कानून का उल्लंघन किया। इसकी वजह से उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है।

कार्यकारणी ने इसी प्रकार अन्य तमाम आरोप लगाते हुए ऋतेश के निलंबन और वकालत का लाइसेंस वापस लेने की मांग की है। उधर, ऋतेश कानपुर के दुर्दांत विकास दुबे का एंकाउंटर होने के बाद तीन दिनों से बेमियादी अनशन पर बैठे हैं। वह प्रयागराज के कालिंदीपुरम् स्थित अपने आवास एचआइजी-73 में अनशन कर रहे हैं। वह कहते हैं कि प्रदेश में पुलिस सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन कर रही है। कानून व्यवस्था को कायम रखने की जिम्मेदारी निभाने के बजाय स्वयं कानून व्यवस्था को तहस-नहस करने में जुटी है। 

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा कि  ऋतेश सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए नियम विरुद्ध काम कर रहे थे। अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें पहले भी बार से निकाला जा चुका है। इधर, कोरोना काल में धरना प्रदर्शन करने व सोशल मीडिया में गलत बातें लिखने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ऋतेश श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे खिलाफ नियम विरुद्ध कार्रवाई की गई है, क्योंकि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के बाइलाज में निलंबन का कोई प्रावधान नहीं है। मैं नोटिस का जवाब दूंगा। साथ ही मांगें पूरी न होने तक अनशन जारी रखूंगा।


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