इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहमद को जमानत देने से किया इन्कार
कोर्ट ने कहा कि जिस आधार पर जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है बिना नए तथ्य के दोबारा उन्हीं तथ्यों पर दाखिल अर्जी स्वीकार्य नहीं हो सकती।
प्रयागराज, जेएनएन। जेल में बंद पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने वाराणसी में चुनाव प्रचार के लिए अतीक की ओर से मांगी गई अल्पकालिक जमानत और रिहाई का आदेश देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस आधार पर जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है, बिना नए तथ्य के दोबारा उन्हीं तथ्यों पर दाखिल अर्जी स्वीकार्य नहीं हो सकती।
यह आदेश न्यायमूर्ति अनिरुद्ध सिंह ने दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अतीक अहमद के खिलाफ 75 आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। हालांकि याची के अधिवक्ता डीएस मिश्र का कहना था कि याची पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहा है। किसी भी आपराधिक मामले में उसे सजा नहीं हुई है। कहा कि वह (याची) कानून का पालन करने वाला नागरिक है। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उसे कुछ समय के लिए जमानत पर रिहा किया जाए।
इससे पहले अतीक की अर्जी एमपी एमएलए कोर्ट ने भी खारिज की थी, जिसे अतीक ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रचार करना परोल पाने के लिए सही आधार नहीं है। बाहुबली अतीक अहमद ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। अतीक फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में है और सुप्रीम कोर्ट ने उसे गुजरात की किसी जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
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