Move to Jagran APP

हाई कोर्ट ने पूछा, कब होगी अदालतों में बायोमेट्रिक कार्ड व CCTV कैमरों की व्यवस्था

न्यायालय ने अदालतों में उचित सुरक्षा व्यवस्था की प्रगति को लेकर सरकार से जानना चाहा है कि आजमगढ़ व लखनऊ अदालत में बायोमेट्रिक कार्ड व्यवस्था कब तक प्रभावी होगी। इससे पहले कोर्ट ने पूछा था कि अदालतों में कितने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मंजूरी दी गई है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 02:17 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 02:17 PM (IST)
हाई कोर्ट ने पूछा, कब होगी अदालतों में बायोमेट्रिक कार्ड व CCTV कैमरों की व्यवस्था
प्रदेश की जिला अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था का है मामला

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को अदालतों की सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक कार्ड व सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। पूछा है कि इसकी व्यवस्था कितने समय में की जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार व न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने बिजनौर जिला अदालत में 2019 फायरिंग को लेकर कायम स्वत: प्रेरित जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

loksabha election banner

पूछा सरकार से, कब तक की जाएगी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती

न्यायालय ने सरकार को अदालतों में उचित सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। अब उसकी प्रगति को लेकर सरकार से जानना चाहा है कि आजमगढ़ व लखनऊ अदालत में बायोमेट्रिक कार्ड व्यवस्था कब तक प्रभावी होगी। इससे पहले कोर्ट ने पूछा था कि अदालतों में कितने सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मंजूरी दी गई है। सितंबर 2021 में कोर्ट ने कोई प्रगति नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। याचिका की अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी। उल्लेखनीय है कि यूपी की अदालतों में कुख्यात अपराधियों और बाहुबलियों की पेशी के दौरान कोई अप्रिय घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। अदालतों में गैंगवार के चलते गोलीबारी की कई घटनाएं पहले हो चुकी हैं।

जहरीली शराब कांड के आरोपित की जमानत अर्जी मंजूर

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के आरोपित आकाश की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरके गौतम ने दिया है। याची का कहना था कि वह निर्दोष है। उसे झूठा फंसाया गया है। 27 मई 2021 की घटना की प्राथमिकी 28 मई को दर्ज कराई गई। याची का नाम प्राथमिकी में नहीं है। उसे सहअभियुक्त के बयान के आधार पर अभियुक्त बनाया गया। याची के पास न तो शराब की दुकान का लाइसेंस है, न ही वह दुकान में सेल्समैन है। उसके पास से कोई बरामदगी भी नहीं हुई है। कोर्ट ने केस के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.