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Alaknanda Apartment: पीडीए को नहीं पता, अपार्टमेंट के बनकर तैयार होने में आखिर क्यों हुई देरी

बमुश्किल दो कमरे के मकान के लिए लोगों ने किस तरह से पैसों का इंतजाम किया यह उनका दिल ही जानता है लेकिन अलकनंदा अपार्टमेंट के मामले में पीडीए यह नहीं जानता कि निर्माण में इतना विलंब क्यों हुआ जबकि बहाने कई हैं। आवंटियों को घर का इंतजार है।

By amardeep bhattEdited By: Ankur TripathiPublished: Tue, 29 Nov 2022 07:20 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 07:21 AM (IST)
Alaknanda Apartment: पीडीए को नहीं पता, अपार्टमेंट के बनकर तैयार होने में आखिर क्यों हुई देरी
अलकनंदा अपार्टमेंट के मामले में पीडीए यह नहीं जानता कि निर्माण में इतना विलंब क्यों हुआ

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। लाखों रुपये जुटाना सामान्य आर्य वर्ग वाले परिवार के लिए आसान नहीं है। 35-40 लाख रुपये के बारे में साेच कर ही पसीने छूट जाते हैं। बमुश्किल दो कमरे के मकान के लिए लोगों ने किस तरह से पैसों का इंतजाम किया यह उनका दिल ही जानता है लेकिन अलकनंदा अपार्टमेंट के मामले में पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) यह नहीं जानता कि निर्माण में इतना विलंब क्यों हुआ, जबकि बहाने कई हैं। आवंटियों को घर का अब भी इंतजार है।

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आवंटियों की जमा पूंजी हो गई ठप, लंबा हो रहा फ्लैट का इंतजार

अलकनंदा अपार्टमेंट का निर्माण बीरबल की खिचड़ी की तरह हो गया है। अक्टूबर 2014 से हुई शुरुआत के बाद अब तक आठ साल में इसे पूरी तरह से बनाया ही नहीं जा सका है। जबकि इस अवधि में दूसरे प्राइवेट बिल्डर दो से तीन अपार्टमेंट को पूरी तरह बनवा चुके हैं। आवंटियों को यह बात भी परेशान कर रही है कि आखिर पीडीए फ्लैट का काम समय से पूरा करा क्यों नहीं रहा है।

कहा था कि दो साल में फ्लैट दे देंगे

फ्लैट बुक कराए छह साल हो गए। 50 लाख रुपये जमा किये थे। पीडीए ने कहा था कि दो साल में कब्जा दे दिया जाएगा। जानने वाले पूछते हैं कि फ्लैट कब मिलेगा तो उनके सामने अपनी दशा बताते हुए भी खराब लगता है।

सुनीता पांडेय, गृहणी

फंसे पैसों का जुर्माना कौन भरेगा

जीवन भर की जमा पूंजी लगा दी, सोचा था कि बच्चों के लिए प्रयागराज में एक अच्छा घर खरीद लेंगे। पीडीए को 2016 में 50 लाख रुपये दिये भी। बेटे ने 26 लाख रुपये कर्ज लिया। फ्लैट नहीं मिला, फंसे हुए पैसों का जुर्माना कौन भरेगा।

उर्मिला सिंह, सुल्तानपुर

पड़ रही दोहरी मार

फ्लैट बुक कराने को 35 लाख रुपये दिए थे। लोन की किश्तें और ब्याज भी भरना पड़ रहा है। किराये के मकान में रह रहे हैं वह अलग। हम पर तो दोहरी मार पड़ रही है। पीडीए वाले इस माह, उस माह कहकर बहका रहे हैं।

विभा मिश्रा, गृहणी

अपार्टमेंट बनने में विलंब के कई कारण हैं। ठेकेदार की लापरवाही ज्यादा हुई। उस पर आठ लाख रुपये हर्जाना भी लगाया जा चुका है। कोशिश कर रहे हैं काम तेज कराया जा रहा है। आवंटियों को फ्लैट जल्द दे दिया जाएगा।

अरविंद चौहान, उपाध्यक्ष पीडीए


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