चुनावी शंखनाद से अखाड़ों ने अयोध्या कूच पर लगाया ब्रेक
राम मंदिर निर्माण के लिए अखाड़े 15 मार्च को अयोध्या जाने वाले थे। हालांकि लोस चुनाव को देखते हुए इस यात्रा को स्थगित कर दिया है। अब जुलाई में वहां जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रयागराज : लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज जाने से अखाड़ों का श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या कूच करना स्थगित हो गया है। अब चुनाव बाद जुलाई में 13 अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर व पदाधिकारी दलबल के साथ अयोध्या रवाना होंगे। यह निर्णय चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से निस्तारित कराने एवं किसी दल को फायदा या नुकसान न पहुंचाने के लिए लिया गया है।
अखाड़ों ने 15 मार्च को संगम तट से अयोध्या जाने की सहमति बनाई थी
प्रयाग कुंभ मेला के दौरान आठ फरवरी को हुई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर विलंब होने पर विस्तार से चर्चा हुई थी। इसमें 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों ने चार मार्च को महाशिवरात्रि स्नान पर्व बीतने के बाद अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाकर 15 मार्च को संगम तट से अयोध्या जाने की सहमति बनाई थी। इधर चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित कर दी। इसके चलते अखाड़ों ने अयोध्या कूच का निर्णय स्थगित कर दिया।
स्थिति खराब न हो, इसलिए निर्णय लिया
अखाड़ों का मानना है कि चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद संतों का हुजूम अयोध्या रवाना होगा तो उससे स्थिति खराब हो सकती है। ऐसा न हो, उसके लिए मतगणना तक वह अयोध्या नहीं जाएंगे।
चलेगी सामंजस्य बनाने की मुहिम
चुनावी दौर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी सामंजस्य स्थापित करने की मुहिम चलाएंगे। मार्च, अप्रैल व मई में संतों, मुस्लिम, बौद्ध व सिख धर्मगुरुओं से संपर्क करके राम मंदिर निर्माण पर सामंजस्य बनाने का प्रयास करेंगे।
मठों में होगी 'राम चर्चा'
मार्च, अप्रैल व मई माह में चुनाव प्रचार तेज होगा। ऐसे में 13 अखाड़े बाहर के बजाय अपने मठ-मंदिर व आश्रमों में 'राम चर्चा' करेंगे। राम चर्चा में श्रीराम के कृतित्व-व्यक्तित्व के साथ राम मंदिर के धार्मिक, पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही कोर्ट के अभी तक के निर्णयों पर संत व सनातन धर्म के विद्वान समीक्षा करेंगे।
संतों के लिए धर्म के साथ राष्ट्र सर्वोपरि है : महंत नरेंद्र गिरि
अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि कहते हैं कि लोकसभा चुनाव राष्ट्र का बड़ा आयोजन है। संतों के लिए धर्म के साथ राष्ट्र सर्वोपरि है। चुनावी माहौल में राम मंदिर के लिए यात्रा निकालना उचित नहीं है। इसके चलते उसे जून तक के लिए टाल दिया गया है। जून के अंत में अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाकर जुलाई में अयोध्या जाने की तिथि तय की जाएगी।