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गंगा के पूरब जाएंगे अखाड़े, सेक्टर 16 में होगा डेरा

कुंभ मेले में अखाड़ों को गंगा के पूर्व दिशा की ओर बसाया जाएगा। यह निर्णय मेला प्रशासन की बैठक में मेलाधिकारी प्रथम राजीव राय ने लिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 02:02 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 02:02 PM (IST)
गंगा के पूरब जाएंगे अखाड़े, सेक्टर 16 में होगा डेरा
गंगा के पूरब जाएंगे अखाड़े, सेक्टर 16 में होगा डेरा

प्रयागराज : गुरुवार देर रात मेला प्रशासन ने बैठक कर निर्णय लिया कि अखाड़ों को गंगा के पूरब में बसाया जाएगा। अखाड़ों को सेक्टर 16 में जमीन दी जाएगी। उप मेलाधिकारी प्रथम राजीव राय ने कहा कि 15 नवंबर से जमीन आवंटित की जाएगी। इसके लिए 12 नवंबर तक आवेदन लिए जाएंगे। उधर, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने गंगा पार जाने से साफ इन्कार कर दिया है। यही नहीं प्रशासन द्वारा 15 नवंबर से अखाड़ों को भूमि आवंटन पर भी नाराजगी व्यक्त की है। अखाड़ा परिषद 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा बीतने के बाद मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन चाहता है। इसके पीछे तर्क दे रहे हैं कि संतों का आगमन कार्तिक पूर्णिमा के बाद होगा।

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  मेला क्षेत्र के भारी विस्तार के लिए प्रशासन गंगा की धाराओं को जोड़कर एक करा रहा है, ताकि संगम के आस-पास अधिक जगह मिल सके। इसके बावजूद संगम के पश्चिम क्षेत्र में अखाड़ों के लिए उपयुक्त जमीन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में प्रशासन ने उन्हें पूरब में बसाने की योजना बनाई थी। इस योजना को गुरुवार देर रात फाइनल कर दिया। मेला प्रशासन 2001 कुंभ का हवाला देते हुए अखाड़ों को गंगा के पूरब बसा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने प्रशासन की इस कार्रवाई को औचित्यहीन बताया। बोले, अभी काफी समय है। प्रशासन चाहे तो गंगा इस पर जमीन की उचित व्यवस्था कर सकता है।

अखाड़ों का तर्क :

-गंगा के पूरब जाने से उन्हें पीपा पुल पार करना पड़ेगा, जिससे आवागमन में दिक्कत आएगी।

-पेशवाई पर लंबा जुलूस निकलता है जिसमें दिक्कत आएगी।

-शाही स्नान में लंबा चक्कर काटना पड़ेगा।

-मार्ग लंबा होने से बुजुर्ग महात्माओं को दिक्कत आएगी।

-हाथी व घोड़े के रथ को पांटून पुल में चलने पर दिक्कत होगी।


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