Move to Jagran APP

प्रयागराज में मलबे से बनाई जाएगी ईंट, जल्द फाइनल होगी एजेंसी, जानें नगर निगम की योजना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर निगम प्रशासन ने मलबे से ईंट बनाने की योजना तैयार की। एजेंसी के चयन के लिए तीसरी बार टेंडर निकाला गया था जिसे सोमवार को खोला गया। इसमें जयपुर और दिल्ली की दो एजेंसियां शामिल हुई हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 01:22 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 07:07 AM (IST)
प्रयागराज में मलबे से बनाई जाएगी ईंट, जल्द फाइनल होगी एजेंसी, जानें नगर निगम की योजना
पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि टेंडर में शामिल दोनों एजेंसियों का तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में प्रदूषण को रोकने के लिए कवायद जोरों पर है। इसकी एक कड़ी और जुड़ रही है। वह है मलबे से ईंट बनाने की योजना। नगर निगम प्रशासन की यह योजना अब धरातल पर उतरती दिखाई दे रही है। इसके लिए तीसरी बार के टेंडर में इसके लिए दो कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई हैं। इन्हीं दोनों एजेंसियों में से एक का चयन इसी सप्ताह कर लिया जाएगा। इसके बाद वर्क आर्डर जारी किया जाएगा।

loksabha election banner

शहर प्रतिदिन निकलता लगभग 100 टन मलबा

शहर में प्रतिदिन करीब 100 टन मलबा निकलने का अनुमान है। यह मलबा जर्जर भवनों के ढहने और नए मकानों के बनने से निकलता है, जिसे लोग अपने मोहल्लों की सड़कों और गलियों में फेंकवा देते हैं। इससे प्रदूषण फैलता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर निगम प्रशासन ने मलबे से ईंट बनाने की योजना तैयार की। एजेंसी के चयन के लिए तीसरी बार टेंडर निकाला गया था, जिसे खोला गया। इसमें जयपुर और दिल्ली की दो एजेंसियां शामिल हुई हैं। इन एजेंसियों का मलबे से ईंट बनाने की विशेषज्ञता बताई जा रही है। एजेंसियों का तकनीकी मूल्यांकन टेंडर कमेटी की ओर से किया जा रहा है। तकनीकी मूल्यांकन के बाद वित्तीय मूल्यांकन करके एजेंसी फाइनल कर दी जाएगी।

तीसरी बार हुआ टेंडर

चूंकि, टेंडर तीसरी बार हुआ है, इसलिए कम से कम तीन एजेंसियों के शामिल होने की बाध्यता नहीं है। तीसरी बार के टेंडर में एक एजेंसी के शामिल होने पर भी उसे फाइनल करने का प्रावधान है। मलबे से ईंट बनाने का प्लांट बसवार कूड़ा निस्तारण प्लांट में लगेगा। पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि टेंडर में शामिल दोनों एजेंसियों का तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है। एक-दो दिनों में मूल्यांकन का काम पूरा हो जाएगा और फिर एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा।

स्मार्ट सिटी मद से दी जाएगी रकम

मलबे से ईंट बनाने का प्लांट लगाने में करीब पांच-छह करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। चयनित एजेंसी को प्लांट लगाने के लिए यह रकम स्मार्ट सिटी मद से दी जाएगी।

गलियां और फुटपाथ बनाने में होगा इसी ईंट का प्रयोग

शहर की सड़कों पर फुटपाथ और गलियों के निर्माण में ईंटों का प्रयोग होता है। इसके लिए निगम को करोड़ों रुपये खर्च करना पड़ता है। मलबे से ईंट बनने पर निगम उसका प्रयोग गलियां और फुटपाथ बनाने में करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.