BSNL : वीआरएस के बाद कई जिले हो जाएंगे अधिकारी विहीन, फिर यह व्यवस्था होगी Prayagraj News
बीएसएनएल में तीन दिसंबर तक वीआरएस के लिए आवेदन करने वाले अधिकारी व कर्मचारी 31 जनवरी के बाद विदा होंगे। इसके बाद कई जिलों में अधिकारी ही नहीं बचेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है। वीआरएस की श्रेणी में आने वालों में से 75.3 फीसद अधिकारियों और कर्मचारियों ने आवेदन किया है। उन्हें 31 जनवरी के बाद घर भेज दिया जाएगा। इनके वीआरएस लेने के बाद नौ जिले अफसर विहीन हो जाएंगे। फिर अफसर विहीन जिलों को आसपास के बड़े जिलों से संबद्ध कर दिया जाएगा। कई और भी बदलाव किए जाएंगे।
बीएसएनएल घाटे के दौर से गुजर रही है
सरकारी क्षेत्र की संचार कंपनी बीएसएनएल घाटे के दौर से गुजर रही है। कंपनी को घाटे से उबारने के लिए पहले चरण में 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों कर्मचारियों को वीआरएस दिया जा रहा है। तीन दिसंबर को वीआरएस के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब पूर्व यूपी में 7284 अधिकारियों कर्मचारियों में से 3564 बचे हैं। इस तरह प्रयागराज में 549 कर्मियों में से 277 बचे हैं। ऐसे में वीआरएस पर जाने के बाद बलिया, बांदा, हमीरपुर, हरदोई, लखीमपुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, आजमगढ़ और उन्नाव में एक भी अधिकारी नहीं बचेंगे।
कई काम आउटसोर्सिंग से कराने की योजना है
इन जिलों में कर्मचारियों की भारी कमी हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि वीआरएस लेने वालों के जाने के बाद जिन जिलों में ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी होंगे, वहां से दूसरे जिलों में भेजे जाएंगे। साथ ही कई काम आउटसोर्सिंग से कराने की योजना है। अब सरकार की मंशा है कि कम खर्चे में उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मुहैया कराई जाए।