घायल चौकीदार की मौत से गुस्साए परिजनों का हंगामा, पुलिस से झडप Prayagraj News
मौत से भड़के परिवार के लोग शव लेकर बाहर निकल आए। पत्नी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं भी आकर पुलिस को कोसने लगीं। लोगों ने धक्का मुक्की की तो पुलिस ने लाठियां भांजकर उन्हें हटाया।
प्रयागराज,जेएनएन। हफ्ते भर पहले फाफामऊ के प्रसिद्ध का पूरा में निर्माणाधीन मकान की रखवाली के दौरान घातक हमले में जख्मी बृजेश पांडेय (49) ने शनिवार भोर में शहर के निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। आक्रोशित स्वजन और रिश्तेदारों ने हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं करने पर पुलिस विरोधी नारेबाजी करते हुए रास्ताजाम के लिए शव को हाईवे पर ले जाने का प्रयास किया। झड़प के बाद पुलिस ने लाठियां भांजकर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भिजवाया। दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है।
दामाद के मकान की रखवाली के दाैरान हुआ था हमला
सोरांव में कुरगांव निवासी बृजेश पांडेय ममफोर्डगंज क्षेत्र में मजार तिराहा के पास किराए के कमरे में परिवार सहित रहते थे। उन्होंने अपनी बेटी का ब्याह प्रतापगढ़ में बाघराय के गोगौर गांव निवासी गया प्रसाद तिवारी के बेटे श्रवण से किया था। उनका दामाद श्रवण फाफामऊ के रंगपुरा में प्लाट लेकर मकान का निर्माण करा रहा है। क्षेत्र के कुछ अपराधी वहां मकान बनाने से रोकने के साथ ही रंगदारी भी मांग रहे थे। इसी वजह से बृजेश दामाद के मकान की रखवाली के लिए रात में वहीं रुकने लगे थे। सात फरवरी की रात करीब ग्यारह बजे वह निमार्णाधीन मकान के भीतर लेटकर पत्नी संगीता से फोन पर बात कर रहे थे तभी उन्हें बाहर से किसी ने आवाज दी। वह बाहर निकलकर गए। फिर उनका मोबाइल ऑफ हो गया। दूसरे रोज दोपहर में दामाद श्रवण और बेटा रोहित खाना लेकर पहुंचा तो बृजेश नहीं मिले।
तीन के खिलाफ दर्ज है नामजद मुकदमा
करीब आधे घंटे बाद बेली अस्पताल से किसी ने फोन कर बताया कि बृजेश वहां भर्ती हैैं। परिवार के लोग बेली पहुंचे तो बृजेश गंभीर घायल थे। तीन हमलावरों के नाम बताकर वह बेसुध हो गए। उन्हें बेली से एसआरएन अस्पताल और फिर आनंद हॉस्पिटल ले जाकर भर्ती किया गया। मकान मालिक गया प्रसाद तिवारी ने अमित यादव, नंदलाल पासी और नन्हा पासी के खिलाफ घातक हमले का मुकदमा दर्ज कराया। बृजेश की हालत बिगड़ती गई और शनिवार भोर में उनकी सांस थम गई।
बृजेश की मौत से गुस्साए परिजनों ने किया हंगामा
मौत से भड़के परिवार के लोग शव लेकर बाहर निकल आए। पत्नी समेत बड़ी संख्या में महिलाएं भी आकर पुलिस को कोसने लगीं। दो मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी में पुलिस की नाकामी के विरोध में लोग शव को स्ट्रेचर पर रखकर लखनऊ मार्ग पर ले जाने लगे तो पुलिस ने रोका। लोगों ने धक्का मुक्की की तो पुलिस ने लाठियां भांजकर उन्हें हटाया। पुलिस ने बृजेश के दामाद श्रवण तिवारी को बड़े भाई अनिल तिवारी समेत पकड़कर हवालात में बंद कर दिया। इसके बाद बृजेश का शव पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। महिलाएं देर तक विलाप करती रहीं। इंस्पेक्टर अरुण त्यागी ने बताया कि बवाल करने पर दो लोगों को हिरासत में लिया गया है हालांकि रात तक मुकदमा नहीं लिखा गया था।
हमलावरों ने धमकाने के लिए भेजे थे गुर्गे
परिवार के लोगों का आरोप है कि हमलावरों ने उन्हें धमकाने और सुलह का दबाव बनाने के लिए चार रोज पहले 10-12 लोगों को अस्पताल भेजा था। यूपी 112 नंबर पर सूचना देकर परिवार के लोगों ने घेरने का प्रयास किया तो धमकाने आए लोग भाग गए। आरोप है कि कर्नलगंज पुलिस ने मदद कर आरोपितों को गिरफ्तार करने की बजाय परिवार के लोगों को ही खरी-खोटी सुनाई। इस वजह से भी लोगों में आक्रोश है।
दामाद हिरासत में, नहीं हुई अंत्येष्टि
बृजेश पांडेय की मौत के बाद हुए हंगामे के दौरान पुलिस ने उनके दामाद श्रवण तिवारी को बड़े भाई अनिल समेत पकड़ लिया था। वे दोनों रात तक पुलिस कस्टडी में थे। इसी वजह से पोस्टमार्टम के बाद बृजेश के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया।