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गंगा के बाद उफनाई यमुना भी खतरे के निशान से पार, दहशत बढ़ी Prayagraj News

गंगा नदी तो पहले ही खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुकी थीं और अब यमुना नदी का पानी भी खतरे के निशान को पार गया है। दोनों नदियाें का पानी अब घनी आबादी की ओर बढ़ने लगा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 07:54 PM (IST)
गंगा के बाद उफनाई यमुना भी खतरे के निशान से पार, दहशत बढ़ी Prayagraj News
गंगा के बाद उफनाई यमुना भी खतरे के निशान से पार, दहशत बढ़ी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बांधों से छोड़़े गए पानी से उफनाई यमुना भी बुधवार शाम खतरे के निशान को पार कर गईं। गंगा बुधवार शाम को खतरे के निशान से 18 सेमी ऊपर बह रही थीं। दोनों नदियों के विकराल रूप धारण कर लेने से तटीय इलाकों में बाढ़ के पानी ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। शहर के 35 मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

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दोनों नदियों के विकराल रूप से 30 हजार से अधिक लोग हुए बेघर

30 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैैं। इसी तरह लगभग डेढ़ सौ गांवों में बाढ़ की त्रासदी शुरू हो गई है। शहर और देहात के लगभग तीन लाख लोग प्रभावित हो गए हैैं। लगभग 40 हजार एकड़़ फसलें जलमग्न हो गई हैैं। सैकड़ों पशु बह गए। हजारों मकान भी डूब गए। शहर में भी कमोवेश यही हालत है। प्रशासन का अनुमान है कि 15 हजार मकान डूब चुके हैैं। शहर में बनाए गए दस राहत शिविरों में लगभग ढाई हजार लोग शरण लेकर रह रहे हैैं।

प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिया है

उफनाती गंगा और यमुना के बाढ़ संकट का सामना करने के लिए जिला प्रशासन ने टीमें गठित कर राहत कार्य तेज करा दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व जल पुलिस की टीमें लगाई गई हैैं। बचाव और राहत कार्य के लिए नावें और मोटर बोट भी चल रही हैं।

बाढ़ से डेढ़ सौ गांवों में तबाही, फसलें जलमग्न, सैकड़ों पशु बहे

खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा और यमुना लगभग डेढ़ सौ गांवों में तबाही मचा रही हैैं। लगभग 40 हजार एकड़़ फसलें जलमग्न हो गई हैैं। सैकड़ों पशु बह गए। हजारों मकान भी डूब गए। शहर में भी कमोवेश यही हालात हैं। 38 मोहल्ले प्रभावित हैैं। 26 हजार के करीब लोग बेघर हो चुके हैं। 15 हजार मकान डूब चुके हैैं। शहर में बनाए गए दस राहत शिविरों में लगभग ढाई हजार लोग शरण लेकर रह रहे हैैं।


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