Allahabad University : छात्र-छात्राओं को मिलेगी राहत, घटेगा आवेदन शुल्क, समय से कक्षाएं शुरू होंगी Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। प्रवेश देर से शुरू होने के कारण छात्र-छात्राएं अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले लेते हैं और सीट बची रहती है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) शैक्षणिक सत्र 2020-21 में नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को राहत देने के साथ कक्षाएं समय से शुरू कराने की तैयारी में है। इस बदलाव की कवायद कोर कमेटी के गठन से शुरू हो गई है। इस बार प्रवेश प्रक्रिया जून में पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए फरवरी के तीसरे सप्ताह में विज्ञापन जारी किए जाने के आसार हैं। यही नहीं नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को इस बार आवेदन शुल्क भी कम देना होगा।
प्रवेश प्रक्रिया में देरी से विद्यार्थी अन्य विवि में दाखिला ले लेते हैं
प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने में देरी के चलते इविवि में आवेदन काफी कम पड़ते थे। विद्यार्थी अन्य विश्वविद्यालयों में दाखिला ले लेते हैं। ऐसे में इविवि समेत संघटक महाविद्यालयों की काफी सीटें खाली रह जाती थीं। विवशता में मेरिट गिराकर सीटें भरी जाती थीं। ऐसे में प्रयास किया जा रहा है कि इस बार फरवरी में ही प्रवेश प्रक्रिया के लिए विज्ञापन जारी कर दिया जाए। जल्द प्रवेश परीक्षा कराने के बाद परिणाम भी घोषित किया जाएगा।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद कक्षाएं सुचारू रूप से संचालित होंगी
इसी के साथ जून तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इससे इविवि में ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने के बाद कक्षाएं भी सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी। खास बात तो यह है कि इस बार स्नातक, परास्नातक, आइपीएस समेत सभी पाठ्यक्रमों में आवेदन शुल्क भी 20 फीसद घटाया जा रहा है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी की मंजूरी के बाद आवेदन शुल्क कम कर दिया जाएगा। इससे छात्रों को काफी सहूलियत मिल सकेगी।
कोर कमेटी की सूची तैयार
प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि इस बार कोर कमेटी में भी काफी बदलाव किया जा रहा है। कमेटी में ज्यादा भीड़ रखने के बजाय सभी संकाय से एक-एक अनुभवी शिक्षकों को शामिल किया गया है। इसके अलावा एक कुलपति नॉमिनी को भी कमेटी में रखा गया है। सूची तैयार कर ली गई है। वित्त कमेटी की बैठक के बाद कमेटी के लिए कुलपति से अनुमोदन के बाद कोर कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी। इसी के साथ आगे की प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
एजेंसी का चयन बढ़ाएगा मुसीबत
कोर कमेटी की मंजूरी कुलपति से मिलने के बाद प्रवेश परीक्षा कराने वाली एजेंसी के लिए टेंडर निकाला जाएगा। प्रवेश प्रक्रिया में एजेंसी के चयन का काम मुसीबतों से भरा होता है। पिछले साल एजेंसी के चयन में देरी होने से प्रवेश प्रकिया शुरू कराने में देरी हुई थी। ऐसे में इस बार भी एजेंसी के चयन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि प्रवेश प्रकिया के दौरान एजेंसी के पास ही सबसे अहम कार्य होता है।