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एडीजी, आइजी ने एसएसपी से मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जिला पुलिस से लापता छह सौ पुलिसकर्मियों का मामला खलबली मचा गया है। बिन क

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 08:04 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 08:04 AM (IST)
एडीजी, आइजी ने एसएसपी से मांगी रिपोर्ट
एडीजी, आइजी ने एसएसपी से मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : जिला पुलिस से लापता छह सौ पुलिसकर्मियों का मामला खलबली मचा गया है। बिन काम के तनख्वाह लेने वाले इन छह सौ पुलिसकर्मियों को लेकर जांच तेज हो गई है। एडीजी एसएन साबत और आइजी रमित शर्मा ने एसएसपी नितिन तिवारी को पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी है। उधर, एसएसपी पहले ही मामले की जांच करा रहे हैं।

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पुलिस महकमे में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। करीब छह सौ पुलिसकर्मी लापता हैं। इलाहाबाद जिले में पोस्टिंग के नाम पर उनकी तनख्वाह तो बन रही है लेकिन उनकी तैनाती कहां है, वह क्या वर्क कर रहे हैं, यह किसी को नहीं पता। बस हर महीने उनके खाते में तनख्वाह जाती है। सालों से इन पुलिसकर्मियों ने अपनी आमद सत्यापित नहीं कराई है। छह सौ पुलिसकर्मियों की तैनाती और डयूटी का रिकार्ड न मिलने पर महकमे में खलबली मची। एसएसपी नितिन तिवारी ने ट्रेजरी और जिले में तैनात पुलिसकर्मियों की लिस्ट का मिलान किया तो छह सौ पुलिसकर्मियों का फर्क पकड़ में आया। एसएसपी के अलावा एडीजी और आइजी इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। हालांकि

तमाम सिपाही अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस लाइन पहुंचे और अपनी आमद सत्यापित कराई। जांच में साफ हुआ है कि तमाम मठाधीश सिपाही तनख्वाह तो सरकारी लेते रहे लेकिन वह जमीन, मकानों की खरीद फरोख्त के धंधे में लगे रहे। कई ट्रक और टेपों चलवाने में मस्त हैं तो कुछ ने खुद पीछे रहकर ठेकेदारी की चादर ओढ़ ली है। करीब दो सौ सिपाही तो ऐसे पकड़ में आएं हैं जो कई तरह की विंग, सेल में तैनात किए गए थे लेकिन सेल बंद होने के बाद वह वहीं पड़े रहे। मतलब उनके पास कोई काम नहीं है, बस सेल के नाम पर आते और जाते, तनख्वाह बिन काम की उठाते।


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