सरकारी भूमि पर लहलहा रही धान की फसल, प्रयागराज में कब्जा करने वाले कार्रवाई की जद में आए
प्रयागराज के हंडिया नगर पंचायत में भूमाफिया सक्रिय हैं। उन्होंने सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों की शिकायत पर सक्रिय हुआ प्रशासन अब ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। भू माफिया की सक्रियता न केवल शहर तक सीमित है, बल्कि इनके लंबे हाथ प्रयागराज के ग्रामीण इलाकों तक भी है। वहां भी कब्जा किया जा रहा है। अब शहर से 40 किमी दूर स्थित हंडिया में ही देखिए, नगर पंचायत से सटे कोतवाली क्षेत्र के झिरिहिरी गांव में स्थित चारागाह व तालाब की 11 बीघा भूमि पर कब्जा कर लिया गया है। इस भूमि की कीमत करोड़ों में बताई जाती है। इस भूमि पर कहीं धान की फसल लहलहा रही है तो कहीं आलीशान मकान भी बन गए हैं। अब कब्जा करने वाले कार्रवाई की जद में आ रहे हैं।
शिकायत पर अधिकारियों ने कब्जाधारकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए
चारागाह और तालाब की भूमि पर कब्जे की शिकायत झिरिहिरी गांव के लोगों ने अधिकारियों से की थी। इसे संज्ञान में लेते हुए हंडिया तहसील प्रशासन के बाद अब जिले के अधिकारियों ने भी इसे संज्ञान में लिया है। यहां तक कि जिलाधिकारी ने भी हंडिया तहसील में जिन गांवों में सरकारी जमीन पर कब्जा किया गया है, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैैं।
तहसील प्रशासन ने भूमाफिया को चार करोड़ के जुर्माने की भेजी नोटिस
हंडिया तहसील प्रशासन ने भूमाफिया पर लगाम कसते हुए चार करोड़ रुपये के जुर्माने की नोटिस भेज दिया है। इसके अलावा हंडिया थाने में पूर्व प्रधान भाईलाल, साहबलाल, कड़ेदीन, इंद्रधर, राजेंद्र कुमार, तीर्थराज, महेंद्र कुमार, सुरेंद्र कुमार, धर्मराज, सभाजीत, मेवालाल, श्यामलाल, गंगाराम, मुंशी, संतलाल समेत डेढ़ दर्जन से अधिक ग्रामीणों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया दिया गया है। इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है।
बोले, एसडीएम हंडिया
हंडिया के एसडीएम सुभाष चंद्र यादव व तहसीलदार रामप्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि न्यायालय की गाइडलाइन के तहत ही कार्रवाई की गई है। जल्द ही रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई भी की जाएगी। सरकारी जमीन पर बनाए गए भवनों एवं लोगों द्वारा की जा रही खेती को कब्जाधारियों से मुक्त कराया जाएगा। बताया कि कब्जे की जमीन पर धान की फसल लहलहा रही है। कई लोगों ने तो आलीशान मकान बनवा लिया है। एसडीएम के मुताबिक जितने दिन से लोग कब्जा की भूमि का प्रयोग कर रहे हैं, न्यायालय की गाइडलाइन के मुताबिक जुर्माना वसूल कर सरकारी कोष में जमा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि विधि के अनुरूप कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी प्रक्रिया शुरू है। चारागाह और तालाब की लगभग 11 बीघा सरकारी है जिस पर गांव के लगभग डेढ़ दर्जन लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है।