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Ayodhya Verdict : आचार्य गिरिराज ने मंदिर निर्माण को प्रयागराज में लिया था बड़ा संकल्प Prayagraj News

आचार्य गिरिराज ने अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण तक दाढ़ी और बाल न कटवाने की घोषणा की थी। यह संकल्‍प उन्‍होंने प्रयागराज में हुई मार्गदर्शक मंडल की बैठक में लिया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 03:10 PM (IST)
Ayodhya Verdict : आचार्य गिरिराज ने मंदिर निर्माण को प्रयागराज में लिया था बड़ा संकल्प Prayagraj News
Ayodhya Verdict : आचार्य गिरिराज ने मंदिर निर्माण को प्रयागराज में लिया था बड़ा संकल्प Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा माने जाने वाले आचार्य गिरिराज किशोर ने मंदिर निर्माण के लिए बड़ा संकल्प प्रयागराज में लिया था। राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े दिग्गजों के सामने उन्होंने मंदिर बनने तक दाढ़ी-बाल न कटवाने की घोषणा की थी। वर्ष 2014 में उनका देहावसान हो गया, मगर अंतिम दिनों तक उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा नहीं तोड़ी।  

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प्रयागराज में हुई मार्गदर्शक मंडल की बैठक, जुटे थे दिग्गज 

वर्ष 1995 में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के गठन के बाद प्रयागराज में हुई मार्गदर्शक मंडल की बैठक में अशोक सिंहल, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, देवकी नंदन अग्रवाल, डॉ. बीएल अग्रवाल, बैकुंठ नाथ भार्गव की मौजूदगी में आचार्य गिरिराज ने दाढ़ी-बाल न कटवाने का संकल्प लिया था। विहिप कार्यालय प्रभारी सुनील कुमार और विहिप नेता राजीव मिश्रा ने बताया कि बैठक में मंदिर के लिए वक्ता अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। जब आचार्य गिरिराज बोलने को खड़े हुए तो राम मंदिर निर्माण के लिए रामलला के सेवकों के बीच में संकल्प लिया कि जब तक भगवान राम भव्य मंदिर में विराजमान नहीं हो जाएंगे, तब तक वह दाढ़ी-बाल नहीं कटवाएंगे। विहिप की मासिक पत्रिका ङ्क्षहदू विश्व में इसका उल्लेख भी हुआ था, जिसकी प्रतियां रामलला के सेवकों को वितरित की गई थीं।

देश के बाहर संगठन को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका थी

मार्गदर्शक मंडल की बैठक में शिरकत करने के लिए आचार्य गिरिराज विदेश से आए थे। देश के बाहर संगठन को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका थी, इसीलिए वह अक्सर विदेश जाते रहते थे। प्रयागराज में आयोजित सभी धर्म संसद और ङ्क्षहदू सम्मेलनों में उन्होंने शिरकत की थी। अशोक सिंहल के आवास महावीर भवन में ही उनका रुकना होता था।


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