राजू पाल हत्याकांड के शूटर अब्दुल कवि तक नहीं पहुंच सके कानून के हाथ Prayagraj News
विधायक राजू पाल हत्याकांड में सीबीआइ की ओर से दाखिल चार्जशीट में शूटर अब्दुल कवि का भी नाम शामिल है। वह फरार है और आज तक उसे पुलिस नहीं पकड़ सकी है।
प्रयागराज, [अंकुर त्रिपाठी]। पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में आरोपित बनाए गए अब्दुल कवि को 10 साल में पुलिस नहीं खोज सकी है। अब सीबीआइ द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में भी उसका नाम होने से साफ है कि हत्याकांड में उसके खिलाफ ठोस सुबूत हैं लेकिन उसे दबोचने में पुलिस नाकाम रही है।
पूर्व विधायक की हत्या में पूर्व सांसद अतीक व अशरफ समेत नौ पर था केस
25 जनवरी 2005 को राजू पाल की हत्या में पत्नी पूजा पाल ने तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ समेत नौ लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के बाद पुलिस ने अप्रैल 2005 में 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। दिसंबर 2008 में विवेचना सीआइडी की अपराध शाखा को सौंप दी गई। साल भर बाद सीबीसीआइडी ने तीन पूरक आरोप पत्र दाखिल किए जिनमें मुस्तकिल, मुस्लिम, गुलहसन, दिनेश पासी, नफीस कालिया, गुफरान और अब्दुल कवि को आरोपित बनाया।
पुलिस के पास अब्दुल कवि की फोटो तक नहीं है
इन 18 आरोपितों में अब्दुल कवि को न तो पुलिस आज तक गिरफ्तार कर सकी और न उसने सरेंडर किया। कौशांबी में सराय अकिल इलाके के भखंडा गांव का अब्दुल कवि पुलिस के लिए छलावा ही बना रहा। पुलिस और एसटीएफ उसकी परछाइ तक नहीं पा सकी। इसी महीने सीबीआइ द्वारा राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में 10 आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में अतीक और अशरफ समेत अब्दुल कवि का भी नाम है। अब सीबीआइ भी उसे खोजेगी लेकिन अब्दुल कवि ने कानून के लंबे हाथ की धारणा को धता बता दिया है। इतने बरसों में भी कानून के लंबे हाथ इस शूटर तक नहीं पहुंच सके। आलम यह है कि पुलिस के पास उसकी एक तस्वीर तक नहीं है।