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इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपने बेटे को उसके नाना से छुड़ाने के लिए एक पिता ने लगाई गुहार

हाई कोर्ट में एक पिता ने की गुहार पर नाना द्वारा रोक कर रखे गए बेटे को 17 जून को पूरी सुरक्षा के साथ दो बजे कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 06:51 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपने बेटे को उसके नाना से छुड़ाने के लिए एक पिता ने लगाई गुहार
इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपने बेटे को उसके नाना से छुड़ाने के लिए एक पिता ने लगाई गुहार

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक पिता ने अपने बेटे को उसके नाना से छुड़ाने के लिए गुहार लगाई है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नाना द्वारा रोक कर रखे गए बेटे को 17 जून को पूरी सुरक्षा के साथ दो बजे कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने एसएसपी व सीएमओ कानपुर नगर को आदेश दिया है कि नाबालिग बच्चे के कानपुर से प्रयागराज आने व वापस जाते समय यह सुनिश्चित करें कि उसे कोई इंफेक्शन या बीमारी न होने पाए। कोर्ट ने खर्च के लिए याची पिता को 15 जून तक महानिबंधक के समक्ष 15 हजार रुपये नकद जमा करने का निर्देश दिया है। 

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यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने मधुसूदन व अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 17 जून को होगी। याची का कहना है कि उसके बेटे अंशुमान सचान को नाना प्रमोद सचान ने जबरन निरुद्ध कर लिया है। अंशुमान को उनसे मुक्त कराकर याची को अभिरक्षा सौंपी जाए। अंशुमान अपने नाना के साथ कानपुर नगर के सजेती थाना क्षेत्र के बरीपाल गांव में रह रहा है।

इससे पहले याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आठ जून को एसएसपी कानपुर नगर को लड़के को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) के सामने पेश कराने को कहा था। साथ ही कहा था कि मजिस्ट्रेट बयान दर्ज कर प्रेषित करें। कोर्ट ने सीएमएम के समक्ष दर्ज बयान को देखने के बाद कहा कि कुछ गंभीर सवाल है, याचिका तय करने के लिए जिन्हें जानना जरूरी है। इसके लिए लड़के को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है।


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