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CM Fruit Garden Scheme : प्रतापगढ़ में फलों के साथ छाएगी हरियाली, योजना में 97 किसान चयनित

मुख्यमंत्री फल उद्यान योजना का लाभ प्रतापगढ़ के किसानों को भी मिलेगा। यहां के 97 किसानों का चयन किया गया है। इन किसानों को अनुदान दिया जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 08:22 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 08:22 AM (IST)
CM Fruit Garden Scheme : प्रतापगढ़ में फलों के साथ छाएगी हरियाली, योजना में 97 किसान चयनित
CM Fruit Garden Scheme : प्रतापगढ़ में फलों के साथ छाएगी हरियाली, योजना में 97 किसान चयनित

प्रतापगढ़, जेएनएन। मुख्यमंत्री फल उद्यान योजना में जिले के 83 हेक्टेअर भूमि पर आम, अमरूद, आंवला व नीबू के पौधे लगाए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए उद्यान विभाग द्वारा जिले के 97 किसानों का चयन किया गया है। इस योजना का लाभ लघु सीमांत किसानों को दिया जा रहा है। इनमें उन किसानों का चयन किया गया है, जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि रही। इन्हें अनुदान दिया जाएगा।

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पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभार्थियों का चयन

मनरेगा से वर्ष 2020-21 से मुख्यमंत्री फल उद्यान योजना के तहत अनुदान दिया जाएगा। लाभार्थियों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कर लिया गया है। योजना को साकार करने के लिए उद्यान विभाग ने किसानों से आवेदन मांगे थे। इससे गांव के लोगअपनी जमीन पर अपने बाग तैयार करेंगे और बदले में अनुदान पाएंगे।

लाभ पाने वाले किसानों के पास ये होना जरूरी है

जिले के विभिन्न विकास खंडों में मुख्यमंत्री फल उद्यान योजना के तहत औद्योनिक पौधों का रोपण कराना शुरू कर दिया गया है। इसमें उन्हीं किसानों को योजना का लाभ दिया जा रहा है जिनके पास कम से कम 0.2 हेक्टेअर व अधिकतम 2.0 हेक्टेअर क्षेत्रफल जमीन है। इस योजना में जिले 97 किसानों का चयन किया गया है। 40 हेक्टेअर भूमि पर आम, अमरूद, आंवला, व नीबू के पौधे लगाए जा रहे हैं।

बोले, जिला उद्यान अधिकारी

जिला उद्यान अधिकारी अनिल कुमार दुबे कहते हैं कि मुख्यमंत्री फल उद्यान योजना में जिले के 83 हेक्टेअर भूमि पर आम, अमरूद, आंवला व नीबू के पौधे लगाए जाएंगे। इसमें जिले के 97 किसानों का चयन कर लिया गया। पौधों के रोपण का कार्य शुरू करा दिया गया है। 40 हेक्टेअर में पौधों के रोपण का कार्य हो चुका है। जल्द ही लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। किसानों को अनुदान की धनराशि पहले, दूसरे व तीसरे साल में श्रमांश व मजदूरी के रूप में दी जाएगी।


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