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69000 शिक्षक भर्ती : लिखित परीक्षा में मिले अंक मेधावियों के चयन का नहीं बन सके आधार

69000 शिक्षक भर्ती अर्हता व योग्यता परीक्षा में तो परीक्षा उत्तीर्ण करने का तय कटऑफ अंक रहा लेकिन दूसरे चरण में शिक्षक बनाने वाले गुणांक पर पर्दा पड़ा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 09:45 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 09:45 AM (IST)
69000 शिक्षक भर्ती : लिखित परीक्षा में मिले अंक मेधावियों के चयन का नहीं बन सके आधार
69000 शिक्षक भर्ती : लिखित परीक्षा में मिले अंक मेधावियों के चयन का नहीं बन सके आधार

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक चयन की परीक्षा इस समय सबसे कठिन दौर में है। अभ्यर्थियों की भाषा में कहें तो टेट (केंद्र व राज्य की शिक्षक पात्रता परीक्षा) व सुपर टेट (चयन की योग्यता की परीक्षा) में भी यह तय नहीं हो सका है कि भर्ती के 69000 पदों पर कौन चयनित होगा? इसलिए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को शिक्षक चयन के कड़े इम्तिहान से रूबरू होना पड़ रहा है। अर्हता व योग्यता परीक्षा में तो परीक्षा उत्तीर्ण करने का तय कटऑफ अंक रहा, लेकिन दूसरे चरण में शिक्षक बनाने वाले गुणांक पर पर्दा पड़ा है।

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उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की शिक्षक भर्ती में उत्तीर्ण होने वाले 1,46,060 अभ्यर्थी अपने ओवरऑल प्रदर्शन यानी पढ़ाई के अहम मुकाम में आने से अब तक की परीक्षाओं में मिले अंकों का हिसाब-किताब लगा रहे हैं। ज्ञात हो कि शिक्षक चयन के लिए लिखित परीक्षा, हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और शिक्षामित्रों को मिलने वाले भारांक सबका अहम स्थान है। इतना ही नहीं चयन के लिए हर जिले का गुणांक भी अलग होगा। एक-एक ही नहीं दशमलव के बाद के भी अंकों का भी खासा महत्व हो गया है।

अन्य भर्तियों में प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में मिलने वाले अंकों को जोड़कर मेरिट बनती है वहीं, शिक्षक चयन में अब तक मिले अंक सभी को पता है लेकिन, सबने गुणांक भी निकाल लिया है लेकिन, मेधावियों के सिवा कोई भी अपना चयन पक्का नहीं मान रहा है।

जिला आवंटन से स्पष्ट हो सकेगा गुणांक

ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद अभ्यर्थियों के गुणांक, भारांक, वर्ग व श्रेणीवार के आधार पर उपलब्ध पदों के सापेक्ष जिला आवंटन करेगा। उसमें यह स्पष्ट हो सकेगा कि किस जिले में अधिकतम और न्यूनतम चयन का गुणांक कितना है। आवंटित अभ्यर्थियों को जिले में संबंधित जिले में काउंसिलिंग करानी होगी। वहां पर फिर दावे के अनुरूप शैक्षिक प्रमाणपत्र दिखाना पड़ेगा, तभी नियुक्ति के हकदार होंगे।

सोशल मीडिया में जिलावार गुणांक तय

शिक्षक चयन की प्रक्रिया के समानांतर सोशल मीडिया में तरह-तरह के दावे हो रहे है। उस पर कुछ अभ्यर्थियों ने जिलावार गुणांक तय कर दिया है। हालांकि संबंधित जिले में हर वर्ग का बताया जा रहा गुणांक उतना ही होगा इस संबंध में अधिकृत साक्ष्य नहीं है।


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