69000 शिक्षक भर्ती : पहले 6127, अबकी 77,060 अभ्यर्थी होंगे शिक्षक भर्ती में चयन से दूर
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों के बीच अंतिम रूप से चयन में फेल-पास होने का दौर अभी बाकी है।
प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों के बीच अंतिम रूप से चयन में फेल-पास होने का दौर अभी बाकी है। अजीब संयोग है कि 68500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में तय पदों से कम 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए थे। चयन की पहली सूची से 6127 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया था। यह नौबत इसलिए आई क्योंकि चयन का मानक बदल गया था। वहीं, 69000 शिक्षक भर्ती में तो परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों की तादाद दोगुने से अधिक है। इससे 77,060 अभ्यर्थियों का बाहर होना तय है। अब सभी की निगाह चयन के मानक पर टिकी हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान किया। पहली भर्ती 68500 की हुई। अगस्त 2018 में लिखित परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। सभी से चयन के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए, 843 ने आवेदन ही नहीं किया। चयन की पहली सूची 34660 अभ्यर्थियों की जारी की और 6127 को बाहर कर दिया।
असल में, अफसरों ने शिक्षक पद पर चयन 68500 पदों के सापेक्ष न करके लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या पर किया। प्रकरण तूल पकड़ने पर बाहर हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई। शासन ने दूसरी 69000 शिक्षकों की भर्ती करा रही है। इसका रिजल्ट भी 12 मई को जारी हुआ है। पिछली भर्ती से उलट इसमें उत्तीर्ण होने वालों की तादाद दोगुने से अधिक 1,46,060 है। इनमें से महज 69 हजार को ही नियुक्ति मिलेगी और 77,060 अभ्यर्थी चयन से बाहर हो जाएंगे। नियुक्ति पाने से दूर होने वालों की तस्वीर जिला आवंटन प्रक्रिया पर निर्भर है।
शासन तय करेगा चयन का मानक
बेसिक शिक्षा षरिषद के अफसर कहते हैं कि शासन की ओर से तय मानक पर ही जिला आवंटन होगा, अभ्यर्थियों के गुणांक, भारांक के आधार पर वर्ग व श्रेणीवार चयन किया जाएगा। जिस अभ्यर्थी को जो जिला आवंटित होगा, उसे वहीं तीन से छह जून तक काउंसिलिंग करानी होगी। उसके बाद नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इसमें अहम यह है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट 68500 भर्ती के जिला आवंटन को रद कर चुका है और मेरिट में आने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नए सिरे से जिला आवंटन करने का निर्देश दिया है।