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69000 Teacher Recruitment : कटऑफ अंक की राह पर भर्ती परीक्षा के प्रश्नों का विवाद

यह भी संयोग है कि 69000 शिक्षक भर्ती के दो प्रकरण अब तक न्यायालय की चौखट तक पहुंचे। दोनों मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खंडपीठ की अलग पीठों में हुई।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 11:51 PM (IST)
69000 Teacher Recruitment : कटऑफ अंक की राह पर भर्ती परीक्षा के प्रश्नों का विवाद
69000 Teacher Recruitment : कटऑफ अंक की राह पर भर्ती परीक्षा के प्रश्नों का विवाद

प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। 69000 Teacher Recruitment : यह भी संयोग है कि 69000 शिक्षक भर्ती के दो प्रकरण अब तक न्यायालय की चौखट तक पहुंचे। दोनों मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट और लखनऊ खंडपीठ की अलग पीठों में हुई। कटऑफ अंक विवाद में सिंगल बेंच ने अलग-अलग फैसला सुनाया, तब सरकार को डबल बेंच की शरण इसलिए लेनी पड़ी कि आखिर वह किस आदेश का अनुपालन करे। कुछ वैसे ही हालात अब भर्ती परीक्षा मेें पूछे गए सवालों के जवाब पर बन रहे हैं। अभी तक दो पीठों के निर्देश अलहदा ही हैं। 

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शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के दूसरे दिन सात जनवरी 2019 को शासन ने परीक्षा उत्तीर्ण करने का कटऑफ अंक तय किया। इसमें सामान्य को 65 व आरक्षित वर्ग को 60 फीसद अंक पाने पर उत्तीर्ण करने का आदेश हुआ। शासनादेश के विरुद्ध रिजवान अहमद ने लखनऊ खंडपीठ में न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की बेंच में और रीना सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की बेंच में अपील की।

लखनऊ पीठ ने 68500 शिक्षक भर्ती के कटऑफ अंक पर भर्ती करने का आदेश दिया व इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शासनादेश के अनुसार भर्ती करने का फैसला सुनाया। भर्ती के शासनादेश में कोई कटऑफ अंक था ही नहीं। ऐसे में सरकार ने डबल बेंच में इन फैसलों को चुनौती दी और छह मई 2020 को न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल व न्यायमूर्ति करुणेश पवार ने सात जनवरी के शासनादेश के अनुरूप भर्ती करने का आदेश दिया।

भर्ती का परिणाम व जिला आवंटन के बाद प्रक्रिया अंतिम चरण में थी, उसके पहले से लिखित परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर लखनऊ खंडपीठ में न्यायमूर्ति आलोक माथुर व इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की बेंच में सुनवाई चल रही थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 29 मई को परीक्षा संस्था से विशेषज्ञ रिपोर्ट ली, 30 मई को इस मामले में राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है लेकिन किसी तरह का अंतरिम आदेश नहीं किया, अगली सुनवाई छह जुलाई को होनी है।

वहीं, लखनऊ खंडपीठ ने एक जून को सुनवाई पूरा करके आदेश सुरक्षित किया और तीन जून को स्थगनादेश और विवादित प्रश्नों का यूजीसी से पड़ताल कराने का आदेश दिया है। भर्ती अधर में है इसलिए सरकार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय से पहले ही लखनऊ खंडपीठ के आदेश के विरुद्ध डबल बेंच में जाना पड़ रहा है।


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