69000 Shikshak Bharti: ऑनलाइन आवेदन और मूल अभिलेख में अंतर पर नहीं मिलेगा नियुक्ति पत्र
69000 Shikshak Bharti उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 31277 पदों पर उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिलेगी जिनके ऑनलाइन आवेदन व मूल अभिलेखों में अंतर है। जिलों में शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग गुरुवार को पूरी हो चुकी है।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 31277 पदों पर उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिलेगी जिनके ऑनलाइन आवेदन व मूल अभिलेखों में अंतर है। जिलों में शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग गुरुवार को पूरी हो चुकी है और शुक्रवार को चयनितों को नियुक्ति दी जानी है। कई जिलों के बीएसए ने परिषद मुख्यालय से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा था, क्योंकि उनके जिले में अभिलेखों की विसंगति के प्रकरण सामने आए थे। परिषद सचिव ने ऐसे अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के बाद भी नियुक्ति पत्र निर्गत न करने का आदेश दिया है।
शीर्ष कोर्ट के आदेश पर परिषदीय स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती के सापेक्ष 31661 पदों पर नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू हुई। परिषद ने सोमवार को 31277 अभ्यर्थियों की अनंतिम सूची जारी की थी। सभी जिलों में बुधवार व गुरुवार को काउंसिलिंग कराई गई। इसमें अभ्यर्थियों के सभी शैक्षिक व प्रशिक्षण मूल अभिलेखों का भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन रिकॉर्ड से मिलान कराया गया। असल में, ऑनलाइन आवेदन लिखित परीक्षा से पहले भरवाया गया था। नियम है कि उसमें जो प्रविष्टियां दर्ज की गई हों वही अभ्यर्थी के मूल अभिलेखों में भी हों। प्रदेश के कुछ जिलों में ऐसे अभ्यर्थियों ने भी काउंसिलिंग कराई है जिनके अभिलेखों में विसंगति मिली।
शासन के निर्देश हैं कि काउंसिलिंग में मिले अर्ह अभ्यर्थियों को शुक्रवार को नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने परिषद से ऐसे प्रकरणों में मार्गदर्शन मांगा। सचिव प्रताप सिंह बघेल ने आदेश दिया है कि जिन अभ्यर्थियों के शैक्षिक विवरण और ऑनलाइन भरे आवेदन में विसंगति हो उन्हें छोड़ते हुए अर्ह अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र निर्गत किया जाए। इस आदेश से भर्ती की काउंसिलिंग में प्रतिभाग करने वालों को नियुक्ति पत्र अभी निर्गत नहीं होगा।
शीर्ष कोर्ट सुधार का दे चुका अवसर : शीर्ष कोर्ट ऐसे अभ्यर्थियों के ऑनलाइन आवेदन में सुधार का अवसर दे चुका है, जिन्होंने प्रविष्टियां मूल अभिलेखों से इतर भर दी हैं। इसके अलावा हाई कोर्ट ने भी कुछ अभ्यर्थियों को मौका दिया है। अर्चना सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट का अनुपालन करने के लिए परिषद ने आदेश अब तक नहीं दिया है। इसीलिए जिलों में ऐसे प्रकरण सामने आए हैं।