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हर माह 57 लाख की मिर्च खा जाते हैं प्रयागराज के बाशिंदे

जनपद के लोग हर महीने 57 लाख रुपये की मिर्च खा जाते हैं। इस तरह से जिले में लगभग सात करोड़ रुपये की मिर्च की सालाना खपत होती है।

By Edited By: Published: Sat, 18 May 2019 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 10:30 AM (IST)
हर माह 57 लाख की मिर्च खा जाते हैं प्रयागराज के बाशिंदे
हर माह 57 लाख की मिर्च खा जाते हैं प्रयागराज के बाशिंदे
प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह] । हरी मिर्च न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि यह सेहत के लिए भी लाभदायक है। शोध बताते हैं कि इसे खाने से कैंसर से बचाव भी किया जा सकता है। हरी मिर्च के ये फायदे ऐसे ही नहीं गिनाए जा रहे हैं।
 दरअसल, प्रयागराज के बाशिंदे हर माह लगभग 57 लाख रुपये की हरी मिर्च खा जाते हैं। इस तरह से जिले में लगभग सात करोड़ रुपये से ज्यादा की हरी मिर्च की साल भर में खपत है। यह थोक मंडी का दाम है, इसलिए खुदरा में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इसी तरह पांच रुपये और दस रुपये गड्डा के हिसाब से मिलने वाली हरी धनिया की जिले में साल भर के दौरान 67 लाख रुपये की खपत है।
 मुंडेरा मंडी में अन्य सब्जियों व फलों की आवक और बिक्री के आंकड़े बता रहे हैं कि हर साल मांग बढ़ती ही जा रही है। पिछले सात साल में सब्जियों और फल की मांग में लगभग डेढ़ गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक जिले में साल भर में लगभग 80 लाख रुपये की अदरक की खपत है। जिले के लोग तकरीबन 14 सौ करोड़ रुपये की सब्जी तथा लगभग 17 सौ करोड़ रुपये का फल खा जाते हैं।
 
हरी मिर्च के फायदे
हरी मिर्च कई तरह के पोषक तत्वों विटामिन ए, बी 6, सी, आयरन, कॉपर, पोटैशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है। इसमें डाइट्री फाइबर्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे पाचन क्रिया सुचारू बनी रहती है। आखों और त्वचा को लाभ होता ही है, इसके सेवन से मूड फ्रेश रहता है। ब्लड शुगर को कम करने में कारगर ये होती है।

31 लाख कुंतल खा जाते हैं आलू और प्याज
सब्जियों में सबसे ज्यादा खपत आलू, प्याज और टमाटर की है। मंडी के आंकड़े के मुताबिक एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच 24 लाख कुंतल आलू की खपत हुई है। इसी तरह प्याज की खपत सात लाख कुंतल रही। लहसुन की 21 हजार कुंतल खपत हुई। तीन लाख 58 हजार कुंतल टमाटर, 32 हजार कुंतल गोभी, 19 हजार कुंतल गाजर, 56 सौ कुंतल मूली, 76 हजार कुंतल बैगन, 65 हजार कुंतल लौकी, 49 हजार कुंतल मटर, 37 हजार कुंतल परवल, 48 हजार कुंतल कटहल, 54 हजार कुंतल खीरा, 48 हजार कुंतल भिंडी, 62 हजार कुंतल कद्दू, 48 सौ कुंतल करेला, 18 सौ कुंतल ब्रोकली की खपत रही।

फलों में केला, पपीता, अमरूद और आम की सबसे ज्यादा मांग

फलों में वित्तीय वर्ष 2018-19 में सबसे ज्यादा केले की खपत हुई है। इस साल तीन लाख दस हजार कुंतल केले की बिक्री हुई है। इसी तरह एक लाख 90 हजार कुंतल आम, एक लाख 82 हजार कुंतल अमरूद, एक लाख 15 हजार कुंतल पपीता, एक लाख 22 हजार कुंतल मुसम्मी, एक लाख 18 हजार कुंतल संतरा, 56 हजार कुंतल अनार, 42 हजार कुंतल सेब, 66 हजार कुंतल तरबूज, 62 हजार कुंतल खरबूज, 26 हजार कुंतल अंगूर, डेढ़ हजार कुंतल लीची की खपत रही।

स्थानीय बाजारों के आंकड़े नहीं
मंडी के आंकड़ों में स्थानीय बाजारों के आंकड़े सम्मिलित नहीं किए जा सके हैं। दरअसल, गांवों में स्थानीय स्तर पर साप्ताहिक बाजार लगती हैं जहां आसपास के गांवों में पैदा होने वाली हरी सब्जियां बेचने को किसान लाते हैं, ऐसे में उन बाजारों के आंकड़े नहीं शामिल हो सके हैं। 36 करोड़ मिला मंडी को शुल्क: मंडी समिति को फलों, सब्जियों व अन्य मद से वित्तीय वर्ष 2018-19 में लगभग 36 करोड़ दो लाख रुपये की आय हुई है। यह आय पिछले वर्ष से तकरीबन आठ फीसद अधिक है।

सब्जी और फलों की सबसे बड़ी थोक मंडी मुंडेरा मंडी 
जिले में सब्जी और फलों की सबसे बड़ी थोक मंडी मुंडेरा मंडी है। इसके अलावा जसरा, सिरसा और लेडि़यारी में भी मंडियां हैं। गंगापार क्षेत्र में सरकारी मंडियां तो नहीं है मगर स्थानीय स्तर पर आधा दर्जन से ज्यादा बड़ी मंडियां हैं। इसी तरह शहर में बक्शी बांध, मधवापुर, बोर्ड ऑफिस के पास, राजापुर, मीरापुर, खुल्दाबाद, गऊघाट, बैंकरोड कटरा, तेलियरगंज में स्थानीय फल व सब्जी की मंडियां हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र तथा नगर पंचायतों में 214 बाजार लगते हैं।

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