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गंगा-यमुना की बाढ़ और बारिश से 55 हजार बीघा फसल बर्बाद Prayagraj News

गंगा-यमुना की बाढ़ और लगातार हुई बारिश ने फसल जलमग्‍न कर दिया। आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे दाल और चावल भी महंगी हो सकती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 10:56 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 10:56 AM (IST)
गंगा-यमुना की बाढ़ और बारिश से 55 हजार बीघा फसल बर्बाद Prayagraj News
गंगा-यमुना की बाढ़ और बारिश से 55 हजार बीघा फसल बर्बाद Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बाढ़ और बारिश से जिले में अरबों का नुकसान हुआ है। जनहानि के साथ ही फसलों व मकानों को क्षति हुई है। प्रशासन के अब तक के सर्वे में लगभग 55 हजार बीघा फसल के क्षति होने की रिपोर्ट आ चुकी है। यह आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। जिले में बाढ़ और बारिश से आठ सौ घरों को नुकसान हुआ है। सौ से ज्यादा मवेशियों की भी मौत हुई है।

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बाढ़ और बारिश से 88 गांवों की फसल डूब गई थी

लगभग तीन हफ्ते तक बाढ़ और उसके बाद एक हफ्ते की बारिश ने कहर बरपा दिया। निचले इलाकों में फसल तबाह हो गई। सोरांव, फूलपुर, हंडिया, करछना, मेजा व बारा तहसीलों के 88 गांवों की फसल डूब गई थी। जिला प्रशासन और कृषि विभाग के आंकलन के मुताबिक 55 हजार बीघा से ज्यादा फसल जलमग्न हो गई थी। तकरीबन 32 हजार बीघे धान की फसल डूब गई जिससे लगभग 70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसी तरह नौ हजार बीघा बाजरे की खेती डूबी है जिससे लगभग सात करोड़ 20 लाख रुपये की क्षति का अनुमान है। लगभग छह हजार बीघा अरहर की फसल तबाह हो गई। इससे 13 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

छह हजार बीघे सब्जियों की खेती बर्बाद हुई है

छह हजार बीघे सब्जियों की खेती बर्बाद हुई है जिससे 12 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है। दो हजार बीघा से ज्यादा उर्द, तिल, मक्का की खेती भी बर्बाद हो गई। इसके अलावा पांच से छह हजार बीघा पशुओं का चारा भी तबाह हो गया।

अहम आंकड़े

- 32 हजार बीघा धान की फसल हो गई है बर्बाद

- 09 हजार बाजरा व छह हजार अरहर की फसल को नुकसान

- 06 हजार बीघा सब्जी और एक हजार बीघा तिल की फसल भी तबाह

- 03 हजार बीघा हरा चारा, मक्का व उर्द की खेती हो गई नष्ट

- 08 लोगों की हो चुकी है मौत, सौ मवेशी काल के गाल में समाए

20 हजार मकानों में पानी भर गया था

शहर व गांवों में लगभग 20 हजार मकानों में पानी भर गया था। इन मकानों की दीवारें तक में दरारें आ गई हैैं, जिससे करोड़ों की क्षति होने की आशंका है। घरों में रखे गृहस्थी के सामान, फ्रिज, कूलर, पंखे, एसी जैसे इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रानिक्स के सामान, बिस्तर, फर्नीचर, किचेन के सामान व खाद्यान्न भी नष्ट हो गया।

एक हफ्ते में मुआवजे का दावा

जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से सर्वे का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। सर्वे के लिए जिले में 40 टीमें लगाई गईं हैैं। एसडीएम सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि एक हफ्ते में मुआवजा राशि वितरित कर दी जाएगी। जिला कृषि अधिकारी डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ से डूबी फसल का आंकलन कराया जा रहा है। लगभघ 55 हजार बीघा फसल के तबाह होने का आंकड़ा प्राप्त हो चुका है।


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