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शेयर ट्रांजेक्शन घोटाले से जुड़े 50 प्रकरण आए हैं सामने

पिछले महीने एनएसईएल के शेयर ट्रांजेक्शन और शेयर निवेश में उजागर हुए घोटाले के तार यहां की कुछ ट्रेडिंग एजेसियों से भी जुड़े हैं। आयकर विभाग की जांच में मामला सामने आया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 07:29 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 10:50 AM (IST)
शेयर ट्रांजेक्शन घोटाले से जुड़े 50 प्रकरण आए हैं सामने
शेयर ट्रांजेक्शन घोटाले से जुड़े 50 प्रकरण आए हैं सामने

प्रयागराज: पिछले महीने राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) के शेयर ट्रांजेक्शन और शेयर निवेश में उजागर हुए घोटाले के तार यहां की कुछ ट्रेडिंग एजेसियों से भी जुड़े हैं। आयकर विभाग के इलाहाबाद प्रभार (चार्ज) में ऐसे करीब 50 प्रकरण संज्ञान में आए हैं। सभी मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बहरहाल, छानबीन में और मामले सामने आने की संभावना है।

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शेयर ब्रोकर छोटे नगरों के निवेशकों को देते हैं लुभावने वादे
दरअसल, मुंबई में कुछ शेयर ब्रोकर छोटे नगरों (टाउन) के निवेशकों से लुभावने वादे कर उनके डीमैट खाते के जरिए 50 हजार, एक लाख अथवा पांच लाख रुपये जमा करा लेते हैं। इन्हीं निवेशकों के नाम से शेयर की खरीद अथवा बिक्री संबंधी ट्रांजेक्शन करते हैं। किसी में लाभ तो किसी में हानि होती है। सही निवेशकों के लाभ अथवा अधिलाभ को आयकर विभाग स्वीकार कर लेता है। गलत, संदिग्ध एवं विश्वसनीय लेनदेन से परे ट्रांजेक्शन की सघन जांच होती है। कुछ लोगों के नाम से भी मुंबई में शेयर का धंधा होता है। पता छोटे नगरों के किसी व्यक्ति का दे दिया जाता है।

मार्च में कुछ निवेशक पकड़े गए तो निवेश घोटाले का राजफाश
सूत्र बताते हैं कि मार्च माह में ऐसे कुछ निवेशक पकड़े गए तो एनएसईएल में शेयर ट्रांजेक्शन और शेयर निवेश घोटाले का राजफाश हुआ। विस्तृत छानबीन में देशभर में करीब 1.10 लाख लोगों द्वारा शेयर ट्रांजेक्शन के जरिए व्यवसायिक अथवा फर्जी लाभ कमाने के मामले सामने आए। ऐसे में महानिदेशक (कर प्रणाली) ने स्थानीय आयकर विभाग को भी सूचनाएं भेजी। नतीजतन विभाग ने सक्रिय कार्रवाई शुरू की, इलाहाबाद प्रभार में करीब 50 प्रकरण संज्ञान में आए। ऐसे सभी प्रकरणों को ओपेन करके जांच शुरू कर दी गई है।

कालेधन को सफेद करने का भी होता है संगठित प्रयास
कुछ शातिर लोग अन्य नामों से भी डीमैट खाते खोल लेते हैं और शेयर ट्रांजेक्शन के जरिए कैपिटल गेन की व्यवस्था करते हैं लेकिन उस पर टैक्स नहीं देते हैं। फिर उस लाभ अथवा अनुलाभ को पूंजीगत खाते में डालकर किसी अन्य व्यक्ति या कंपनी में पैसा ट्रांसफर कर देते हैं। इस प्रक्रिया में कालेधन को सफेद करने का संगठित प्रयास होता है। इस पर भी आयकर विभाग की पैनी नजर है।

पेनी स्टॉक मामले में भी उठाए गए प्रभावी कदम
पेनी स्टॉक मामले में भी प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इस तरह के संदिग्ध ट्रांजेक्शन में संलिप्त पाए गए करदाताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। इस बारे में प्रधान आयकर आयुक्त सुबचन राम ने कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।

एक करोड़ के टर्नओवर पर अब पांच हजार स्टांप ड्यूटी
शेयर में एक करोड़ रुपये के टर्नओवर पर मार्च तक 100 रुपये स्टांप ड्यूटी लगती थी। एक अप्रैल से सूबे में इसे बढ़ाकर पांच हजार रुपये कर दिया गया है। एक्सपर्ट ट्रेडर्स आरके सिंह कहते हैं कि अगर पांच हजार रुपये स्टांप ड्यूटी में चला जाएगा तो रिटेल ट्रेडर्स को कोई फायदा नहीं होगा। कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा। बताया कि अन्य राज्यों में 100-200 रुपये ही प्रति करोड़ स्टांप ड्यूटी है।


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