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नैनी सेंट्रल जेल की 28 काल कोठरियां इस कारण बंद कर दी गईं Prayagraj News

देश की आजादी की लड़ाई के दौरान वीर सपूतों को नैनी सेंट्रल जेल की काल कोठरियों में बंद किया जाता था। इन दिनों यह अपराधियों की ऐहगाह बनी थीं। इन्हें बंद कर दिया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 10:04 AM (IST)
नैनी सेंट्रल जेल की 28 काल कोठरियां इस कारण बंद कर दी गईं Prayagraj News
नैनी सेंट्रल जेल की 28 काल कोठरियां इस कारण बंद कर दी गईं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान आजादी की आवाज बुलंद करने वाले वीर सपूतों को यातना देने के लिए नैनी सेंट्रल जेल में बनवाई गईं 28 काल कोठरियों को एहतियातन बंद करवा दिया है। इन काल कोठरियों से लगातार मोबाइल जैसी प्रतिबंधित चीजें मिलने के कारण यह फैसला लिया गया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि मरम्मत के बाद इसे खोला जाएगा।

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आजादी की लड़ाई के दौरान वीर समूतों को यहीं किया जाता था बंद 

अंग्रेजी हुकूमत ने आजादी के मतवालों को यातनाएं देने के लिए जेल के सर्किल पांच की बैरक नंबर चार में इन 28 कोठरियों का निर्माण कराया था। आपसी बातचीत में इन्हें काल कोठरी कहा जाता था। इन कोठरियों में दरवाजे के अलावा 12 फुट की ऊंचाई पर छोटा सा रोशनदान था। दिन रात इसमें अंधेरा ही पसरा रहता। रोशनदान से हल्की रोशनी आने पर पता चलता कि सुबह हो गई है। सर्किल पांच में ही पं जवाहर लाल नेहरू और पंडित  मदन मोहन मालवीय को भी बंद रखा गया था। मौका मिलने पर वह बैरक चार में बंद साथियों से मिलकर आजादी की लड़ाई की रणनीति तय करते थे।

पूर्व सांसद अतीक के प्रभाव में इन काल कोठरियों में कुछ बदलाव हुए थे

बसपा विधायक राजू पाल की 26 जनवरी 2005 को हुई हत्या के बाद  नैनी जेल में बंद किए गए पूर्व सांसद अतीक अहमद के प्रभाव के चलते इन काल कोठरियों में कुछ बदलाव किए गए थे। पंखे और लाइट की व्यवस्था की गई थी। अतीक के कथित गुर्गों को यहीं रखा जाता था। हाल के दिनों में डीएम और एसएसपी की ताबड़तोड़ तलाशी के दौरान इसी बैरक से मोबाइल बरामद था। इससे पहले भी मोबाइल की बरामदगी हुई थी। अब जेल प्रशासन ने बैरक चार में जाने वाले रास्ते को दीवार बनाकर पूरी तरह से बंद कर दिया है। 

यह कोठरियां अपराधियों के लिए ऐशगाह बन गई थीं

वरिष्ठ जेल अधीक्षक एचबी सिंह मानते हैं कि यह कोठरियां अपराधियों के लिए ऐशगाह बन गई थीं। उन्होंने कहा कि फर्श उखड़ी हुई थी, जिसका फायदा उठाते हुए अपराधी इसके नीचे मोबाइल छिपा देते थे। अब बैरक की मरम्मत कराने के बाद ही खोला जाएगा।


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