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Indira Marathon 2021: जानें इंदिरा मैराथन का इतिहास, 1995 तक महिलाओं की होती थी हाफ मैराथन

Indira Marathon 2021 1985 में पुरुष व महिला दोनों वर्गों की इंदिरा मैराथन शुरू हुई। 1985-95 तक महिलाएं की दौड़ 21.97 किमी की हाफ मैराथन होती थी। 1988 में कु. चारू लता ने एक घंटा 15 मिनट और 30 सेकेंड की टाइमिंग के साथ रिकार्ड बनाया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 01:34 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 01:34 PM (IST)
Indira Marathon 2021: जानें इंदिरा मैराथन का इतिहास, 1995 तक महिलाओं की होती थी हाफ मैराथन
पहले महिलाओं की हाफ मैराथन होती थी। 1996 में पहली बार महिलाओं के लिए भी 42.195 किमी की मैराथन हुई।

प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्‍मदिवस पर प्रयागराज में इंदिरा मैराथन का आयोजन होता रहा है। इस खबर के माध्‍यम से इंदिरा मैराथन के इतिहास पर चर्चा करना लाजमी है। आपको बता रहे हैं कि इंदिरा मैराथन में किन खिलाडि़यों ने रिकार्ड बनाया है। कल यानी 19 नवंबर को एक बार फिर इंदिरा मैराथन होगी। इस मैराथन की खासियत है कि देश के चुनिंदा धावक भी प्रतिभाग करते हैं। कल शुक्रवार की सुबह प्रयागराज में ऐतिहासिक आनंद भवन से यह मैराथन शुरू होगी।

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हाफ मैराथन में चारू लता का रिकार्ड 1995 नहीं टूटा

1985 में पुरुष व महिला दोनों वर्गों की इंदिरा मैराथन शुरू हुई। आपको पता है कि 1985-95 तक महिलाएं की दौड़ 21.97 किमी की हाफ मैराथन होती थी। इसमें 1988 में कु. चारू लता ने एक घंटा 15 मिनट और 30 सेकेंड की टाइमिंग के साथ रिकार्ड बनाया था, जिसे 1995 तक कोई नहीं तोड़ पाया।

1996 से  महिलाओं के लिए भी 42.195 किमी की मैराथन शुरू हुई

1996 में पहली बार महिलाओं के लिए भी 42.195 किमी की मैराथन आयोजित हुई, जिसमें पहले ही वर्ष कु. सत्यभामा ने रिकार्ड बनाया, जो अभी तक कायम है। 2009 में कु. सुकन्या मल्ल ने दो घंटा 49 मिनट 53 सेकेंड के साथ 2008 में बनाया अपना रिकार्ड तोड़ा, लेकिन वह भी सत्यभामा के रिकार्ड को तोड़ नहीं सकी।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में आनंद भवन से इंदिरा मैराथन को शुरू किया

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इंदिरा मैराथन की शुरूआत आनंद भवन के सामने हरी झंडी दिखाकर 19 नवंबर 1985 को की थी। मैराथन के दूसरे ही वर्ष सेना में कार्यरत बिहार के स्वरूप सिंह ने दो घंटा 13 मिनट और 57 सेकेंड का रिकार्ड बनाया जो पिछले 34 साल से कायम है। 1996 में दक्षिणी रेलवे मुंबई में कार्यरत सत्यभामा ने 2 घंटा 44 मिनट और 40 सेकेंड का रिकार्ड बनाया जो पिछले 24 सालों से अजेय है। इन दोनों रिकार्ड को तोड़ने के लिए हर साल एथलीट अपना पूरा जोर लगाते हैं, लेकिन अभी तक कोई भी रिकार्ड के बिल्कुल पास नहीं पहुंच सका है।

बिहार के स्‍वरूप सिंह ने जीती थी पहली इंदिरा मैराथन

1985 में मैराथन के पहले वर्ष बिहार के स्वरूप सिंह ने दो घंटा 21 मिनट और 18 सेकेंड की टाइमिंग के साथ प्रथम पुरस्कार जीता था। पहली इंदिरा मैराथन में स्वरूप सिंह का जलवा देख चुके हर एथलीट और मैराथन आयोजन कमेटी के साथ दर्शकों के जेहन में स्वरूप सिंह की इमेज सुपर हीरो जैसी बनी थी। स्वरूप सिंह ने भी सभी की उम्मीदें कायम रखी और 1986 में अपने ही पुराने रिकार्ड को तोड़कर दो घंटा 13 मिनट और 57 सेकंड में दौड़ पूरी की।


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