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Narendra Giri Death: अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष को श्‍वान का भी शौक था, मठ में आते ही दौड़ पड़ते थे दोनों श्‍वान

Narendra Giri Death महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ वर्ष पहले दो छोटे श्वान को मंगवाया था। धीरे-धीरे बड़े हुए और महाराज के चेहते हो गए। महंत नरेंद्र गिरि जब भी मठ में पहुंचते दोनों उनकी तरफ दौड़ पड़ते थे। सेवादारों को निर्देश था कि वे उन्‍हें बांधकर नहीं रखेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 07:53 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 08:00 AM (IST)
Narendra Giri Death: अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष को श्‍वान का भी शौक था, मठ में आते ही दौड़ पड़ते थे दोनों श्‍वान
महंत नरेंद्र गिरि के शव के बगल में उनके पाले हुए श्‍वान भैरव और दरवाजे पर माइकल बैठा रहा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को श्वान का भी शौक था। उन्होंने दो श्वान पाले थे। एक काला और दूसरा लाल रंग का। काले वाले का नाम भैरव और लाल वाले का नाम माइकल रखा था। जब भी महंत मठ में आते थे तो दोनों श्‍वान दौड़कर उनसे लिपट जाते थे। घटना के बाद सेवादारों के साथ दोनों श्वान कमरे में दाखिल हुए तो वहीं जम गए। भैरव महंत नरेंद्र गिरि के शव के बगल ही बैठ गया, जबकि माइकल दरवाजे पर।

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सेवादारों को सख्‍त निर्देश था कि श्‍वानों को बांधकर नहीं रखा जाएगा

महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ वर्ष पहले दो छोटे श्वान को मंगवाया था। धीरे-धीरे बड़े हुए और महाराज के चेहते हो गए। महंत नरेंद्र गिरि जब भी मठ में पहुंचते दोनों उनकी तरफ दौड़ पड़ते थे। महंत ने सभी सेवादारों को सख्त निर्देश दे रखा था कि भैरव और माइकल को बांधकर नहीं रखा जाएगा। उनके खानपान को लेकर विशेष ध्यान देने की बात वे हमेशा करते थे। सोमवार शाम जब मठ में हल्ला मचा तो भैरव और माइकल वहीं कुछ दूर पर थे। आवाज सुनकर दोनों महंत के कमरे की तरफ दौड़े। शिष्यों ने दरवाजा तोड़ा तो वे भी साथ में दाखिल हो गए।

शव के पास ही बैठा रहा माइकल, बेजुबान का चेहरा लटका था

महंत नरेंद्र गिरि का शव को फंदे से नीचे उतारा गया तो भैरव वहीं महाराज के पैर के पास बैठ गया, जबकि माइकल बगल में। कुछ देर बाद माइकल वहां से निकला और दरवाजा पर आकर बैठ गया। उसका चेहरा लटका हुआ था। अचानक वह यहां से उठा और मठ के दूसरे छोर पर जहां महाराज की गाड़ी खड़ी थी, वहां जाकर कई चक्कर लगाया और फिर आकर कमरे के बाहर बैठ गया। जबकि भैरव महंत नरेंद्र गिरि के शव के पास से हटा ही नहीं। पुलिसकर्मियों ने कई बार उसे हटाने की कोशिश की, लेकिन भैरव टस से मस नहीं हुआ।


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