Kalyan Singh Memory: ...जब कांग्रेस समर्थकों ने भी कल्याण सिंह को दिया था वोट, जानें पूरा वाकया
Kalyan Singh Memory आशुतोष कुमार संड कहते हैं कि अतरौली से पहली बार चुनाव लड़ रहे कल्याण सिंह के समर्थन में रामगोपाल संड सभा करने पाठक पाड़ा पहुंचे तो पिता ने एक अपील की। इस अपील से कांग्रेस समर्थकों ने भी कल्याण सिंह को वोट दिया था।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह बहुत ही साधारण परिवार से थे। उनका पूरा जीवन सादगी के बीच गुजरा। वह अपने प्रत्येक कार्यकर्ता को नाम के साथ जानते और पहचानते थे। सभी से करीबी रिश्ता रखते थे। वह सच्चे राम भक्त भी थे। यही वजह है कि उन्होंने विवादित ढांचा गिरने के बाद एक पल भी कुर्सी छोडऩे में देर नहीं की। यह कहना है अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम हाईकोर्ट इलाहाबाद आशुतोष कुमार संड का।
अपर शासकीय अधिवक्ता ने ताजा की स्मृति
अपर शासकीय अधिवक्ता बताते हैं कि उनके पिता व पूर्व विधायक रामगोपाल संड का विवाह अतरौली, अलीगढ़ में वैद्यराज पं. स्वर्गीय प्रयाग दत्त पाठक की पुत्री उर्मिला संड से 1944 में हुआ था। तब कल्याण सिंह के पिता पूरे परिवार के साथ उस समारोह में शामिल हुए थे। अतरौली के मोहल्ला पाठक पाड़ा के करीब 90 फीसद लोग कांग्रेसी हुआ करते थे। 1967 में जब आम चुनाव घोषित हुए तो रामगोपाल संड को 27 जिलों का चुनाव प्रभारी बनाया गया।
रामगोपाल संड ने दामाद के रूप में लोगों से कल्याण सिंह के लिए वोट मांगे
आशुतोष कुमार संड कहते हैं कि अतरौली से पहली बार चुनाव लड़ रहे कल्याण सिंह के समर्थन में रामगोपाल संड सभा करने पाठक पाड़ा पहुंचे तो पिता ने एक अपील की। बोले, मेरा विवाह इसी क्षेत्र में वसंत पंचमी को 1944 में हुआ था। तब आपने अपनी कन्या का दान कर मुझे अनुग्रहित किया था। आप सब के आशीर्वाद से मेरा भरा पूरा परिवार है। मैं अपने विवाह के इतने वर्षों के बाद आपसे इस अनुज के लिए आपका वोट मांगता हूं। दामाद के रूप में वोट मांगना वहां के लोगों को विचलित कर गया। वहां कांग्रेस समर्थक होते हुए भी लोगों ने कल्याण सिंह को मतदान किया। यहीं से कल्याण सिंह का राजनीतिक सफर शुरू हुआ जो अंतिम सांस तक चलता रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन से राजनीति, शिक्षा, चिकित्सा सहित सभी क्षेत्रों के लोग आहत हैं। लोगों का मानना है कि वह सच्चे अर्थों में राजनेता थे। कुशल प्रशासक थे। उन्होंने लोगों को कभी वर्ग में बांट कर राजनीति नहीं की। शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रामेश्वर प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से शोक सभा हुई। इसमें दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर राजनाथ यादव, राम बिहारी दुबे, रवि प्रकाश त्रिपाठी, ओम प्रकाश, कमल यादव आदि मौजूद रहे। उधर, प्रयागराज सेवा समिति के कार्यालय में तीर्थराज पांडेय, अनुपमा पांडेय, सुनीता, विपिन अवस्थी, दुर्गेश नंदिनी, आशा आदि ने श्रद्धांजलि दी। उधर, अमर शहीद क्रांतिकारी श्रद्धांजलि ग्रुप एवं भाजपा मुट्ठीगंज मंडल के कार्यालय में भी शोक सभा का आयोजन किया गया। इसमें राजेश केसरवानी, किशोरी लाल जायसवाल, अभिलाष केसरवानी, भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य रमाशंकर शुक्ल शामिल रहे।