Agriculture News: आर्थिक स्थिति के साथ सेहत सुधार रही हल्दी की खेती, कौशांबी के अंबर की भी तकदीर बदली
दशकों से पारंपरिक खेती से ऊब चुके किसान अब बढ़ रहे व्यावसायिक खेती की ओर कृषि व उद्यान विभाग मदद करे तो किसानों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है हल्दी की खेती कौशांबी में कई किसान हुए हल्दी की खेती में सफल
कौशांबी, जागरण संवाददाता। दशकों से पारंपरिक खेती से ऊब चुके किसान अब व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के म्योहर के युवा किसान अंबर ने उद्यान विभाग की प्रेरणा पर वर्ष 2009 से हल्दी की खेती शुरू किया। अब वह बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर रहे हैं। इससे वह लाखों रुपये कमाने लगे हैं। उनकी कामयाबी को देखकर मंझनपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसान हल्दी की खेती करने लगे हैैं। मिलावट से बचाने के लिए जनपद के अधिकतर लोग इनसे हल्दी खरीद कर सेहत भी सुधार रहे हैं।
मंझनपुर में 100 हेक्टेयर भूमि पर हल्दी की खेती
जनपद की 80 फीसद आबादी कृषि पर आधारित है। यहां की मिट्टी हर फसल के लिए बेहतर है। पढ़े लिखे बेरोजगार युवक कृषि में अपना भविष्य खोज रहे हैं। मंझनपुर तहसील क्षेत्र के किसान अंबर भी पारंपरिक खेती से हटकर औषधीय खेती से अपनी तकदीर बदल रहे हैं। युवा किसान अंबर ने बताया कि स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब नौकरी नहीं मिली जो कृषि कार्य शुरू किया। वर्ष 2009 में उद्यान विभाग द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में भाग लिया। जानकारी मिलने के बाद औषधीय फसल हल्दी की खेती शुरू की। पहले 10 बिस्वा में हल्दी की फसल उगाई, आज तीन बीघे में खेती कर रहे है। इससे उन्हें हर वर्ष दो लाख का मुनाफा हो रहा है। हल्दी के खेती में अच्छी आय होती देखकर क्षेत्र के कई और किसानों ने हल्दी की खेती को अपनाया है। हल्दी की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है।
छह माह में तैयार होती है फसल
किसान अंबर के मुताबिक हल्दी की बोवाई मई-जून माह में होती है। कम लागत में अधिक मुनाफा वाली खेती हैं। प्रति बीघे पांच ट्रैक्टर ट्राली गोबर की खाद, एक बोरी डीएपी, एक बोरी यूरिया व एक बोरी पोटाश खाद डालनी पड़ती है। चार से पांच बार सिंचाई करनी पड़ती है। प्रति बीघे 30 हजार का खर्च आता है। एक बीघे में 125 कुंतल पैदा होती है जो लगभग 96 हजार रुपये में बिकती है।
100 हेक्टेयर में लगाई जा रही हल्दी
मंझनपुर तहसील के कई गांवों के किसानों हल्दी की खेती कर रहे हैं। इन दिनों 100 हेक्टेयर रकबे में हल्दी की खेती की जा रही है। जो किसान हल्दी की खेती कर रहे हैं उनमें म्योहर गांव के विभीषण सिंह, तूफान सिंह, घनश्याम सिंह, भारत सिंह, ग्राम पंचायत बेरुई के नागेंद्र, जाठी के राहुल, सचवारा के संदीप आदि शामिल हैं।
फेरी वालों से बेचवाते हैं कच्ची हल्दी
किसान अंबर का कहना है कि हल्दी की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, लेकिन कृषि व उद्यान विभाग की ओर से इसे बढ़ावा देने के कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। मार्केट में कच्ची हल्दी की बिक्री न होने की वजह से फेरी वालों के माध्यम से गांव-गांव हल्दी बेचवाते हैं। कहा कि मिलावटी हल्दी से बचने के लिए जिले के अधिकतर लोग हमारी हल्दी का प्रयोग करते हैं।
हल्दी है गुणकारी
जिला अस्पताल में तैनात डा. अरविंद कनौजिया ने बताया कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर में 500 से 1000 मिलीग्राम करक्यूमिन की जरूरत होती है। एक चम्मच हल्दी में लगभग 200 मिलीग्राम करक्यूमिन होता है। इसलिए दिनभर में चार चम्मच हल्दी ले सकते हैं। इसका सीधा सेवन करने की बजाए हल्दी से बने अन्य प्रोडक्ट्स का सेवन करने से भी करक्यूमिन की कमी पूरी होती है। ये शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। कच्ची हल्दी में कैंसर लडऩे के गुण होते हैं।
खास-खास
पुरुषों में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के कैंसर सेल्स को बढऩे से रोकने के साथ उन्हें खत्म भी कर देती है। यह हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होने वाले ट्यूमर से भी बचाव करती है।
-हल्दी में सूजन को रोकने का खास गुण होता है। इसका उपयोग गठिया रोगियों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है। जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाती है।
-इसमें इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने का गुण होता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होती है।
-हल्दी से शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। शरीर में बैक्टीरिया की समस्या से बचाव करती है।
-कोलेस्ट्राल सेरम को नियंत्रित रखकर हल्दी शरीर को ह्रदय रोगों से सुरक्षित रखती है।
-इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। इंफेक्शन से लडऩे के गुण भी पाए जाते हैं। इसमें सोराइसिस जैसे त्वचा संबंधित रोगों से बचाव के गुण होते हैं।
-हल्दी का उपयोग त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखने में बहुत कारगर है।
-शोध से साबित होता है कि हल्दी लीवर को भी स्वस्थ रखती है।
जिलाधिकारी ने कहा
जनपद में हल्दी की खेती को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। हल्दी की अच्छी कीमत कहां मिल सकती है। इसकी जानकारी कराई जाएगी। साथ ही हल्दी की खेती करने वाले किसानों की मदद कृषि व उद्यान विभाग द्वारा कराई जाएगी।
सुजीत कुमार, डीएम