UP Zila Panchayat Chunav 2021: जिपंअ पद पर दो घरानों के बीच चली आ रही थी रार, भाजपा ने लगाया विराम
UP Zila Panchayat Chunav 2021 प्रयागराज में जिपंअ पद पर दो घरानों के बीच चली आ रही रार पर भाजपा ने नया प्रत्याशी डॉ. वीके सिंह को मैदान में उतारकर विराम लगा दिया है। हालांकि पुराने खिलाड़ी पर्दे के पीछे से खेल रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में जिला पंचायत की अध्यक्ष की कुर्सी के इर्द गिर्द अब तक सिर्फ दो नाम घूमा करते थे, वह है केसरी देवी पटेल और रेखा सिंह। केसरी देवी के खाते में यह कुर्सी छह बार आइ तो रेखा सिंह इस पर पांच बार काबिज हुईं। इनके बीच इसे लेकर लंबी रार भी चली। कभी कोर्ट में मामला पहुंचा तो कभी पार्टी को पंचायत करनी पड़ी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी सरपंच बने।
जोड़-तोड़ की प्रक्रिया शुरू है
इस बार यह कुर्सी किसके खाते में जाएगी कहना कठिन है। यह जरूर है कि दो घरानों के बीच चली आ रही रार पर भाजपा ने नया प्रत्याशी डॉ. वीके सिंह को मैदान में उतारकर विराम लगा दिया है। हालांकि पुराने खिलाड़ी पर्दे के पीछे से खेल रहे हैं। हर तरह से जोड़-तोड़ की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पांच बार की विजेता रेखा सिंह को नहीं बनाया जिपंअ का प्रत्याशी
जिला पंचायत के चुनाव की घोषणा होने के साथ ही केसरी देवी की तरफ से वाकओवर दे दिया गया था। इस बार उनके परिवार से किसी ने भी जिला पंचायत का चुनाव नहीं लड़ा लेकिन इस खेमे ने टिकट दिलाने से लेकर मतदान तक सक्रियता बनाए रखी। यह क्रम अब भी जारी है। उधर, रेखा सिंह मैदान में डटी रहीं। जिला पंचायत सदस्य पद पर जीत भी हासिल की लेकिन अध्यक्ष की कुर्सी के लिए उनकी उम्मीद को झटका लगा। लंबी दौड़ लगाने के बाद भी पार्टी की तरफ से उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया। फिलहाल संगठन ने उनके लिए आगे कुछ बेहतर करने की आश्वासन की घुट्टी पिलाई है।
बैठाए जा रहे जातीय समीकरण
84 सदस्यों की जिला पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी के लिए कुल 43 सदस्यों का समर्थन चाहिए। भाजपा के पास अपने 14 सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त छह ऐसे लोग भी जीत के आए हैं जिन्होंने चुनाव के ठीक पहले पार्टी से बगावत की थी। अब दोबारा पार्टी इन्हें साधने में लगी है। उधर, सपा समर्थित 26 सदस्य होने के दावे किए जा रहे हैं। शेष निर्दल हैं। जीत कर आने वालों में इस बार 23 सदस्य यादव बिरादरी के हैं जब कि 14 पटेल हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा और भाजपा एन केन प्रकारेण समर्थन जुटाने मेंं लगी है। दिन रात बैठकों का दौर चल रहा है। सभी अपने अपने पक्ष में दावे कर रहे हैं। जातीय आधार पर समर्थन जुटाने की कोशिश के साथ तमाम तरह के लुभावने वायदे भी किए जा रहे हैं।