Fight Against COVID-19: इन्होंने 10 दिनों तक कोविड-19 संक्रमण झेला, हौसले से बने कोरोना फाइटर्स
Fight Against COVID-19 वृद्ध बदी चौरसिया ने दस दिनों तक कोरोना का संक्रमण झेला। हालत गंभीर होने पर रेलवे के कोविड अस्पताल में भर्ती हुए। वहां हिम्मत के साथ सभी परिस्थितियों का हौसले के साथ सामना किया। अधिकांश समय ईश्वर को याद करने व श्वांस संबंधी एक्सरसाइज में लगाते रहे।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के एक कोरोना फाइटर्स परिवार की दास्तां जानें। वृद्ध और उनकी दो बेटियों ने किन परिस्थितियों में 10 दिन तक संक्रमण को झेला। कैसे कोरोना वायरस को पराजित किया और अब ठीक होने के बाद क्या-क्या नुस्खे अपना कर जल्द स्वस्थ हो रहे हैं। एक बात तो है इस परिवार के लोग हौसले के साथ कोविउ-19 को हरा दिया है। आप भी जानें कि ये जल्द स्वस्थ कैसे हुए और अब इम्युनिटी बढ़ाने को क्या कर रहे हैं।
हौसले के साथ परिस्थितियों का किया सामना
नखास कोहना निवासी साठ वर्षीय बदी चौरसिया ने दस दिनों तक कोरोना का संक्रमण झेला। हालत गंभीर होने पर रेलवे के कोविड अस्पताल में भी भर्ती हुए। वहां हिम्मत के साथ सभी परिस्थितियों का हौसले के साथ सामना किया। अधिकांश समय ईश्वर को याद करने व श्वांस संबंधी एक्सरसाइज में लगाते रहे।
नियमित रूप से गर्म पानी और काढ़ा का कर रहे सेवन
बद्री बताते हैं कि कोरोना के साथ ही ब्लड प्रेशर, शुगर की भी समस्या थी। बावजूद इसके वहां सुबह गर्म चाय मिलती थी। भोजन में भी चावल और आलू दिया जाता था। कई और मरीज सुगर व बीपी से पीडि़त थे, उन्हें भी इसी तरह का भोजन व नाश्ता दिया गया। इससे मुश्किल बढ़ गई। मामले की जानकारी सिटी मजिस्ट्रेट रजनीश त्रिपाठी को दी तो उन्होंने व्यवस्था में सुधार कराया। इसी बीच हालत सुधरने पर डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया।
घर आकर गर्म दूध, मेवे व पौष्टिक आहार लेना शुरू किया तो स्वास्थ्य और ठीक होने लगा। नियमित रूप से काढ़ा व गर्म पानी ले रहे हैं।
दो बेटियां भी कोरोना संक्रमित हुई थीं
उनके परिवार में दो बेटियां शिवंजलि चौरसिया व दीपांजलि भी संक्रमित हुईं लेकिन उन्होंने खुद को होम आइसोलेशन में रखा और घर पर ही इलाज करती रहीं। नियमित रूप से योग व प्राणायाम करने से दोनों बेटियां भी जल्द स्वस्थ हो गईं। वह भी काढ़ा पीने के साथ ही भाप व गर्म पानी पीती रहीं। उन्होंने ने भी हिम्मत नहीं हारी। कभी यह महसूस नहीं किया कि बीमार हैं या नहीं ठीक होंगी। संक्रमण के दौरान बस यही सोचती थीं कि थोड़ा सा आराम कर लेंगे तो जल्दी से स्वस्थ हो जाएंगे।