प्रयागराज के संगम तट पर जुटे तीर्थ पुरोहित, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का लिया संकल्प
भिखारी प्रजापति ने कहा कि दहेज प्रथा बाल विवाह छुआछूत समाज के लिए अभिशाप है। इसे दूर करने के लिए समाज में जागृति फैलानी होगी। हर व्यक्ति मुहिम से जुड़ेगा तभी समाज में बदलाव नजर आएगा। ओम प्रकाश यादव ने कहा संत रविदास ने सामाजिक समरसता का संदेश दिया था।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के संगम तट पर त्रिभुवन आश्रम सेवा शिविर में सोमवार की सुबह संत, श्रद्धालुओं व तीर्थ पुरोहितों की चिंतन सभा हुई। गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, गोंडा, बहराइच, कौशांबी, चित्रकूट, बांदा, जालौन, भिंड, ग्वालियर, इटावा, मैनपुरी, जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, रीवा, सतना, मीरजापुर, आगरा, मेरठ, बागपत के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र व गुजरात सहित अनेक प्रदेशों के लोग इसमें शामिल हुए। सबने संत रविदास के विचारों को आत्मसात करते हुए सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लिया।
हर व्यक्ति मुहिम से जुड़ेगा तभी समाज में बदलाव नजर आएगा : भिखारी प्रजापति
अध्यक्षता कर रहे भिखारी प्रजापति ने कहा कि दहेज प्रथा, बाल विवाह, छुआछूत समाज के लिए अभिशाप है। इसे दूर करने के लिए समाज में जागृति फैलानी होगी। हर व्यक्ति मुहिम से जुड़ेगा तभी समाज में बदलाव नजर आएगा। प्रदेश महामंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि संत रविदास ने सामाजिक समरसता का संदेश दिया था। इसके जरिए समाज को एकता के सूत्र में पिरोया गया। हमें उनके विचारों व आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना होगा, तभी समाज में उसका असर होगा।
हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने की जरूरत बताई
राम प्रसाद यादव व पुष्पराज करवरिया ने कहा कि सामाजिक व धार्मिक कुरीतियों के कारण सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में पड़ा है। आज अपनी कमियों को दूर करके हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने की जरूरत है। इस दौरान आनंद जी टंडन, धीरज कुमार शर्मा, राजकुमार केसरवानी, स्वाति अग्रवाल, बबलू पांडेय, सतीश द्विवेदी ने विचार व्यक्त किए। कहा कि आगे बढऩा है तो पुरानी खामियों को दूर करना होगा। ऐसा न किया तो हिंदुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।