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प्रयागराज में सीवर लाइन बिछाने और घरों के कनेक्शन में मनमानी, लोगों की शिकायत पर अधिकारी न पदाधिकारी देते हैं ध्यान

तिलक नगर निवासी रामेंद्र प्रसाद बैरहना के रहने वाले अंबेश कुमार का आरोप है कि एजेंसियों के लोग मनमानी काम करा रहे हैं। कहीं आधा-अधूरा कनेक्शन करके छोड़ दे रहे हैं तो कहीं कनेक्शन होने पर भी लोगों के घरों में बैकफ्लो की समस्या बनी है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 09:00 AM (IST)
प्रयागराज में सीवर लाइन बिछाने और घरों के कनेक्शन में मनमानी, लोगों की शिकायत पर अधिकारी न पदाधिकारी देते हैं ध्यान
शहर की सीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए करोड़ों-अरबों रुपये के काम हो रहे हैं

प्रयागराज, जेएनएन। शहर की सीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए करोड़ों-अरबों रुपये के काम हो रहे हैं। इन कामों को कराने के लिए सीधे शासन स्तर से एजेंसियां थोपी गई हैं। इसमें से कई एजेंसियां मनमाने तरीके से काम करा रही हैं। इसके बारे में लोगों और पार्षदों की शिकायत पर न गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारी ध्यान देते हैं न ही एजेंसियों के पदाधिकारी गंभीरता से लेते हैं। इसका खामियाजा शहरियों को भुगतना पड़ रहा है। 

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थोपी गईं एजेंसियां, खामियाजा भुगत रहे शहरी

डिस्ट्रिक्ट-ए, बी, सी और डिस्ट्रिक्ट-डी योजनाओं के काम लगभग पूरे हो चुके हैं। डिस्ट्रिक्ट-ई के तहत सुलेमसराय, मुंडेरा क्षेत्रों में प्रयागराज-कानपुर रोड की दाहिनी ओर सीवर लाइन बिछाने का काम प्रस्तावित है। इसके लिए शासन स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक में एजेंसी का चयन किया जाना है। डिस्ट्रिक्ट-एफ में फाफामऊ क्षेत्र में करीब 32 किमी सीवर लाइन बिछाई जानी है, जिसमें लगभग 30 किमी बिछाई जा चुकी है। अमृत योजना के तहत राजरूपपुर, अल्लापुर, सोहबतियाबाग, बैरहना, गोविंदपुर, शिवकुटी, सलोरी, भावापुर, करेली आदि क्षेत्रों में घरों में सीवर कनेक्शन का काम हो रहा है। इन कामों को कराने के लिए करीब दर्जनभर एजेंसियों का चयन शासन स्तर से हुआ है। तिलक नगर निवासी रामेंद्र प्रसाद, बैरहना के रहने वाले अंबेश कुमार का आरोप है कि एजेंसियों के लोग मनमानी काम करा रहे हैं। कहीं आधा-अधूरा कनेक्शन करके छोड़ दे रहे हैं तो कहीं कनेक्शन होने पर भी लोगों के घरों में बैकफ्लो की समस्या बनी है। शिकायत करने पर न एजेंसी के पदाधिकारी समस्या का निराकरण कराते हैं और न ही अधिकारी ध्यान देते हैं। 

जीएम का है यह कहना

जो भी शिकायतें मिलती हैं। उसका निस्तारण कराया जाता है। अगर नीचे के अधिकारी नहीं सुनते हैं तो लोग सीधे शिकायत करें। उनकी समस्याओं का निदान कराया जाएगा। 

एमसी श्रीवास्तव, महाप्रबंधक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई।  


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