Allahabad Central University : छात्रसंघ बहाली के लिए आज एक मंच पर आएंगे छात्र
Allahabad Central University इविवि प्रशासन ने छात्र परिषद चुनाव की तिथि की घोषणा कर चुनाव की प्रकिया शुरू कर दी। इस पर छात्रों का आंदोलन तेज हो गया। छात्र परिषद चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया। ऐसे में छात्र परिषद का गठन नहीं हो सका।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्रसंघ बहाली के लिए गुरुवार को छात्रसंघ भवन पर छात्रों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इसमें छात्रसंघ बहाली मोर्चा का गठन किया जाना है। इसी के साथ अब छात्रसंघ बहाली की मांग और तेज हो जाएगी। यह अलग बात है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अभी छात्रसंघ पर कुछ भी नहीं बोल रहा है।
प्रोफेसर हांगलू ने छात्रसंघ पर लगाया था प्रतिबंध
इविवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने 29 जून को इविवि की कार्य परिषद की बैठक में छात्रसंघ पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका स्वरूप बदलकर छात्र परिषद चुनाव करने पर मुहर लगी थी। इसके बाद से छात्र परिषद के विरोध में छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया। इसी बीच इविवि प्रशासन ने छात्र परिषद चुनाव की तिथि की घोषणा कर चुनाव की प्रकिया शुरू कर दी। इस पर छात्रों का आंदोलन तेज हो गया। छात्र परिषद चुनाव में नामांकन करने वाले प्रत्याशियों ने नामांकन भी वापस ले लिया। ऐसे में छात्र परिषद का गठन नहीं हो सका। आंदोलन करने पर छात्रों को पुलिस ने जेल भी भेज दिया था।
छात्रसंघ भवन पर 177 दिन से जारी है अनशन
समाजवादी छात्रसभा से जुड़े छात्रनेता अजय यादव सम्राट की अगुवाई में लगातार 177 दिन से छात्रों का अनशन जारी है। वह छात्रसंघ बहाली की मांग पर अड़े हैं। कई सियासी दिग्गज भी इस अनशन को समर्थन दे चुके हैं। अजय का कहना है कि हैरान करने वाली बात तो यह है कि अब तक कोई भी प्रशासनिक अफसर छात्रों से मिलने नहीं पहुंचा।
छात्रसंघ बहाल करने का पक्षधर नहीं इविवि
वैसे छात्रसंघ बहाली का इविवि प्रशासन कत्तई पक्षधर नहीं है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इविवि प्रशासन इस मसले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर देता है। कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव भी छात्रसंघ पर कुछ भी बोलने से कतराती रहती हैं। यह अलग बात है कि कार्यवाहक कुलपति रहे प्रो. आरआर तिवारी ने छात्रसंघ बहाली के संकेत दिए थे। इसके लिए कमेटी का गठन भी किया था। हालांकि, कमेटी उनके कार्यकाल तक कोई निर्णय नहीं ले सकी।