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Death anniversary of Sir William Emmerson : छह साल में तैयार की थी इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की डिजाइन

Death anniversary of Sir William Emmerson म्योर कॉलेज के इमारत की डिजाइन तैयार करने के बाद एमरसन ने भारत और इंग्लैंड में भी कई इमारतों की डिजाइन तैयार की। कोलकाता में विक्टोरियल मेमोरियल उनमें से एक है। 1899 से 1902 तक रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट के अध्यक्ष चुने गए।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 07:00 AM (IST)
Death anniversary of Sir William Emmerson :  छह साल में तैयार की थी इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की डिजाइन
सर विलियम एमरसन ने छह वर्ष में तैयार की थी म्योर कॉलेज की डिजाइन।

प्रयागराज,[गुरुदीप त्रिपाठी]। पूरब के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले भारत के चौथे और सबसे पुराने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) की डिजाइन मशहूर ऑर्किटेक्ट सर विलियम इमरसन ने छह साल में तैयार की थी। इसके बाद 23 सितंबर 1887 को इविवि की स्थापना संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर विलियम म्योर के देखरेख में हुई। इस विवि की वास्तुकला में मिस्र, इंग्लैंड और भारत वास्तु तत्वों के अंश देखे जा सकते हैं। आज उनकी पुण्‍य‍ितिथि है। ऐसे में प्रयागराज भला उनके योगदान को कैसे भुला सकता है।

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लंदन में 1843 में हुआ था जन्‍म

सर इमरसन का जन्म तीन दिसंबर 1843 को लंदन में हुआ था। किंग्स कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भारत आ गए। इविवि में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के प्रोफेसर योगेश्वर तिवारी ने बताया कि वर्ष 1869 में उन्होंने मुंबई स्थित कॉफोर्ड मार्केट की डिजाइन तैयार की। यह भारत में उनकी पहली योजना थी। इसके बाद वह प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) आ गए। वर्ष 1870 में उन्होंने तत्कालीन नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविंसेज की राजधानी रही इलाहाबाद में आंग्लिक कैथड्रल का खाका तैयार किया। गौथिक शैली में एमरसन द्वारा डिजाइन किया गया यह चर्च सेंट्स कैथड्रल के नाम से जाना जाता है। इसे स्थानीय लोग पत्थर गिरिजाघर के नाम से जानते हैं। पत्थर गिरिजा इसलिए क्योंकि यह चुनार के सफेद बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इस चर्च के लिए इटली और इंग्लैंड से संगमरमर और लकड़ी के सामान मंगाए गए थे। चर्चा में लगे रंगीन शीशे बेल्जियम से बनकर आए थे।

ब्रिटिश अफसर बोले पड़े सबसे खूबसूरत म्योर कॉलेज...

प्रो. तिवारी बताते हैं कि वर्ष 1872 में सर इमरसन को म्योर कॉलेज की इमारत डिजाइन करने का कार्यभार सौंपा गया। इसकी डिजाइन तैयार करने में उन्हें छह साल लगे थे। यह डिजाइन 1878 में बनकर तैयार हुई थी। इंडो-सैरासीनिक शैली में बनी यह इमारत इमरसन द्वारा बनाई गई इमारतों में सबसे ज्यादा सुंदर और विस्तृत है। इस इमारत को देखकर ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा था कि आगरा में ताजमहल के बाद कोई इमारत सबसे खूबसूरत है तो वह केवल म्योर कॉलेज...। म्योर कॉलेज अब इविवि का विज्ञान संकाय है। म्योर कॉलेज का विजय नगरम हॉल संगमरमर और पत्थर का बना हिंदू, मुस्लिम और आंग्लिक वास्तुशैली का उत्कृष्ट नमूना है।

इमरसन ने शंकलिन में ली थी आखिरी सांस

म्योर कॉलेज के इमारत की डिजाइन तैयार करने के बाद एमरसन ने भारत और इंग्लैंड में भी कई इमारतों की डिजाइन तैयार की। कोलकाता में विक्टोरियल मेमोरियल उनमें से एक है। वह 1899 से 1902 तक रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट के अध्यक्ष भी चुने गए। 26 दिसंबर 1924 को शंकलिन में उन्होंने अंतिम सांस ली।


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