इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय को याचिका की सुनवाई का वेब लिंक दुरुस्त करने का दिया निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय को याचिका के इंटरवीनर (अंतर हस्तक्षेपी) सहित दोनों पक्षकारों को बहस के लिए वेब लिंक देने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महानिबंधक कार्यालय को याचिका के इंटरवीनर (अंतर हस्तक्षेपी) सहित दोनों पक्षकारों को बहस के लिए वेब लिंक देने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई एक जून को होगी। याची का कहना है कि उन्हें याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बहस के लिए वेब लिंक नहीं दिया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने इंटरवीनर का नाम भी केस में छापने को कहा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने आदर्श भूषण की जनहित याचिका पर दिया है। बता दें कि हाई कोर्ट में अतिआवश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से की जा रही है, लेकिन कार्यालय द्वारा अधिवक्ता को ऐन वक्त पर वेब लिंक नहीं दिया जा रहा है। इससे बहस नहीं हो पा रही है। कोर्ट तारीख लगा रही है। वकीलों को बहस की सुविधा मुहैया कराने का मुद्दा याचिका में उठाया गया है। याचिका निजी स्कूलों में बढ़ी हुई फीस वसूले जाने को लेकर दाखिल की गई है।
अधिवक्ता आदर्श भूषण ने जनहित याचिका दाखिल कर कहा है कि सरकार के निर्देश के बावजूद तमाम निजी स्कूल अभिभावकों पर बढ़ी हुई फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। कुछ स्कूलों ने तो अंतिम तारीख तक घोषित कर दी है। अभिभावकों से कहा जा रहा है कि अपने बच्चे का दाखिला जारी रखने के लिए निर्धारित तारीख से पहले फीस जमा कर दें, जबकि सरकार ने निर्देश दिया है लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे। कोई भी स्कूल अन्य किसी मद में फीस की वसूली नहीं करेगा।
याचिका में यह भी कहा गया है कि कई जिलों के जिलाधिकारियों ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है कि निजी स्कूल किसी भी सूरत में अधिक फीस की वसूली न करें। लेकिन, प्रयागराज में ऐसा नहीं है और निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूलने के लिए दबाव डाल रहा है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए एक जून की तारीख तय करते हुए हाईकोर्ट के महानिबंधक कार्यालय को निर्देश दिया है कि दोनों पक्षों के वकीलों की मांग के अनुसार उनको वीडियो कांफ्रेंसिंग से पक्ष रखने के लिए लिंक उपलब्ध कराएं।