समय का चक्र : रामनवमी के दिन श्रीकृष्ण का जन्म और दशरथ का दाह संस्कार Prayagraj News
यह तो सोशल मीडिया का युग है। रामनवमी के दिन जिसने भी टीवी पर महाभारत सीरियल देखा मन में अजीब सी अनुभूति हुई। उसने माना कि यह तो समय का चक्र है।
प्रयागराज, जेएनएन। चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन यानी रामनवमी ऐसा दुर्लभ संयोग लेकर आया, जिससे न भूतो न भविष्यते की लोकोक्ति एकदम से चरितार्थ हो गई। जिस समय घरों में लोग घंटियां और शंख बजाकर भए प्रगट कृपाला दीन दयाला....आरती गा रहे थे, मां सिद्धिदात्री की पूजा हो रही थी, ठीक उसी समय दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर रामायण धारावाहिक का प्रसारण हो रहा था। इसके तहत अयोध्या नरेश राजा दशरथ के अंतिम संस्कार का प्रसंग दिखाया जा रहा था। इतना ही नहीं, कुछ देर बाद ही महाभारत धारावाहिक भी प्रसारित हुआ। इसमें भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग दिखाया गया। जिसने भी इसे देखा, उसके मन में कुछ अजीब सी अनुभूति हुई, उसने माना कि वाकई यह समय का चक्र ही है।
दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत का पुन: प्रसारण हो रहा है
लॉकडाउन के कारण दूरदर्शन पर इन दिनों अपने जमाने के मशहूर धारावाहिक रामायण और महाभारत का पुन: प्रसारण किया जा रहा है। इन धारावाहिकों में सबसे पहला मोड़ बुधवार से शुरू हुआ। बुधवार की रात रामायण में अयोध्या के राजा दशरथ का पुत्र वियोग में मरण का प्रसंग और गुरुवार को महाभारत में मथुरा के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग दिखाया गया। गुरुवार को ही घर-घर रामनवमी धूमधाम से मनाई जा रही थी। इससे पहले लोगों के सामने ऐसा संयोग कभी नहीं आया।
भर आईं थी आंखें
रामायण सीरियल तो 33 साल पहले भी देखा था, अब भी देख रहे हैं लेकिन एक तरफ घर में रामनवमी मनाई जा रही थी और वहीं टीवी पर श्रीराम के पिता दशरथ का दाह संस्कार दिखाया जा रहा था। यह था तो महज संयोग लेकिन यह देख आंखें भर आईं।
- प्रतिमा पालीवाल, दारागंज
रामनवमी के दिन ऐसा प्रसंग संयोग
रामायण और महाभारत एक ही दिन दिखाए जा रहे हैं और रामनवमी का उत्साह भी लोगों में था। टीवी पर प्रसारित दोनों धारावाहिक तो काल खंड के अनुसार लोगों को दिखाए जा रहे हैं, जिससे की लोग घर पर ही रहें लेकिन रामनवमी के दिन यह प्रसंग संयोग ही रहा।
- लक्ष्मण प्रसाद भरद्वाज, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित दारागंज
समय सब कुछ दिखाता है
महाभारत कर प्रसारण आज देख नहीं सके, रामायण जरूर देखा। उससे कुछ ही पहले रामनवमी की पूजा घर में शुरू हुई थी। राजा दशरथ का दाह संस्कार होने का प्रसारण देख मन विचलित होने लगा था लेकिन समय सब कुछ दिखाता है।
- राजकुमार शुक्ला, रोडवेज कर्मी
ऐसा पहले कभी नहीं देखा
रामायण और महाभारत धारावाहिक देखकर कुछ देर समय व्यतीत हो जा रहा है। यह दोनों धारावाहिक ऐसे समय दिखाए ही जा रहे हैं जब घरों में नवरात्र मनाई जा रही थी। खैर आज जैसे प्रसंग देखे वह भी रामनवमी के दिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
- ओम प्रकाश अग्रहरि, व्यापारी, नखास कोहना