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बीएसएनएल के 200 कर्मी और 12 अफसर नौकरी छोडऩे को तैयार Prayagraj News

बीएसएनएल को घाटे से उबारने के लिए 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों को वीआरएस दिया जा रहा है। वीआरएस देने के लिए निगम ने चार नंवबर से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 03:25 PM (IST)
बीएसएनएल के 200 कर्मी और 12 अफसर नौकरी छोडऩे को तैयार Prayagraj News
बीएसएनएल के 200 कर्मी और 12 अफसर नौकरी छोडऩे को तैयार Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सरकारी क्षेत्र की संचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 200 कर्मचारी और 12 अफसर नौकरी छोडऩे को तैयार हैं। इन लोगों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। वीआरएस के लिए आवेदन की प्रक्रिया अब भी जारी है। बीएसएनएल को घाटे से उबारने के लिए 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों को वीआरएस दिया जा रहा है।

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वीआरएस को चार नंवबर से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं

वीआरएस देने के लिए निगम ने चार नंवबर से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। जिनको वीआरएस लेना है, वह तीन दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया देशभर में चल रही है। वीआरएस लेने वाले को 42 महीने का वेतन और पेंशन दी जाएगी। निगम की हालत को देखते हुए इस कटेगरी में आने वाले अधिक से अधिक अधिकारी और कर्मचारी वीआरएस लेने लगे हैं।  सप्ताहभर में ही प्रयागराज से 200 कर्मचारी और 12 अधिकारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं। जबकि इस कटेगरी में यहां पर 313 कर्मचारी और 22 अधिकारी हैं। बीएसएनएल के पीआरओ एसबी उपाध्याय ने बताया कि अभी और अधिकारी-कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन करेंगे। आवेदन करने वालों का हिसाब 31 जनवरी तक पूरा हो जाएगा।

आउटसोर्स पर कराएंगे काम

अधिकारियों कर्मचारियों के वीआरएस लेने से काम प्रभावित होगा। प्रयागराज में वीआरएस के बाद आधे से कम कर्मचारी बचेंगे। इसलिए आने वाले दिनों में यहां पर आउटसोर्स से काम कराया जाएगा। फरवरी से आउटसोर्स पर कर्मचारी रखे जाएंगे। फिलहाल इस समय निगम में सिर्फ वीआरएस की ही चर्चा है। वीआरएस लेने वाले कर्मचारी भी निराश मन से काम कर रहे हैं।

नहीं जुड़े कई मोबाइल टॉवर के कनेक्शन

बिजली बिल बकाया होने के चलते पिछले महीने कई दूरसंचार केंद्र और मोबाइल टॉवर के कनेक्शन काट दिए गए थे। इससे संचार व्यवस्था लड़खड़ा गई थी। बाद में संचार मंत्री की पहल पर कनेक्शन काटना बंद हो गया। इस दौरान सभी दूरसंचार केंद्रों के कनेक्शन तो बहाल कर दिए गए। लेकिन, दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र के कुछ टॉवरों के कनेक्शन अब भी कटे होने से संचार सेवा ठप है।


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