वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंकने वालों की तलाश जारी
वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर बाजी को लेकर विभागीय जांच चल तो रही है लेकिन पत्थरबाज का अभी तक पता नहीं चल सका है। कई घटनाएं हो चुकी हैं। प्रयाराज में भी हुई दो घटनाओं में अभी तक आरोपित का पता नहीं चल सका है।
जासं, प्रयागराज : वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस पर 18 सितंबर को थरवई से सराय चंडी के बीच पत्थर फेंकने वाले की तलाश अभी जारी है। थरवई पुलिस और आरपीएफ दो दिन से स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। पिछले महीने 17 अगस्त को भी बमरौली के पास वंदे भारत एक्सप्रेस पर किसी ने पत्थर फेंका था। इस मामले की भी जांच चल रही है। इसमें भी अब तक कोई सुराग नहीं लगा है।
देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस 17 फरवरी से चल रही है। तब से अब तक कई बार ट्रेन पर पत्थर फेंके जा चुके हैं। सवा महीने में प्रयागराज में दो मामले हो चुके हैं। पहला बमरौली के पास और दूसरा थरवई से सरायचंडी के बीच। थरवई से सरायचंडी के बीच जिस क्षेत्र में ट्रेन पर पत्थर फेंका गया था, आरपीएफ वहां जाकर लोगों से घटना की जानकारी हासिल कर रही है। आरपीएफ और थरवई पुलिस को अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि पत्थर किसने फेंका था या पत्थर से कैसे ट्रेन का शीशा टूट गया। पत्थर लगने पर सी-8 कोच का शीशा टूट गया था। थरवई थाने के एसओ कुलदीप तिवारी का कहना है कि वंदे भारत एक्सप्रेस पर किस ने पत्थर फेंका था, उसकी तलाश जारी है। आरपीएफ मंगवा सकती है सीसीटीवी फुटेज
ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर वंदे भारत एक्सप्रेस में बाहरी हिस्से में भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अभी तक पत्थर फेंकने वाले का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इसलिए आरपीएफ ट्रेन का सीसीटीवी फुटेज मंगवा सकती है, ताकि पत्थर फेंकने वाले को ढूंढा जा सके। पांच मामले की जांच ही पूरी हुई
पिछले छह महीने में गाजियाबाद से लेकर इलाहाबाद जंक्शन तक 18 बार वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए। इसमें से पांच मामलों की ही जांच पूरी हो पाई है। अन्य की जांच चल रही है। कई मामले में सीसीटीवी फुटेज से भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है।