अगर वर्ष में 50 लाख से अधिक खर्च कर रहे तो टीडीएस देना होगा Prayagraj News
50 लाख रुपये से ज्यादा का कार्य कराने के एवज में प्रोफेशनल को किए गए भुगतान को वह दबा जाते थे। यानी प्रोफेशनल आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। अगर आप पूरे वर्ष में 50 लाख रुपये या उससे अधिक खर्च कर रहे हैं तो टीडीएस के लिए तैयार रहें। क्योंकि वर्षभर में मोटी रकम खर्च करने वालों पर सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या बढ़ाने के मकसद से व्यक्तिगत खर्चो पर भी नजर रखना शुरू कर दिया है।
पांच फीसद टीडीएस होगा
सालाना 50 लाख रुपये से ज्यादा के व्यक्तिगत खर्च पर अब पांच फीसद टीडीएस होगा। पहले कामर्शियल (वाणिज्यिक) लेनदेन पर ही टीडीएस होता था। व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए किए गए कार्यो मसलन, जमीन लेकर मकान बनवाने, बने मकान को सुसज्जित कराने आदि के लिए जो खर्च होते थे, उस पर टीडीएस नहीं देना होता था। ऐसे में 50 लाख रुपये से ज्यादा का कार्य कराने के एवज में प्रोफेशनल को किए गए भुगतान को वह दबा जाते थे। यानी प्रोफेशनल आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते थे।
सरकार ने की सख्ती
इसलिए आयकर अधिनियम की धारा (194-सी) और (194-जे) को व्यक्तिगत उद्देश्य के लिए कराए जाने वाले कार्यो पर भी सरकार ने लागू कर दिया है। ऐसी दशा में व्यक्तिगत अथवा कामर्शियल उपभोक्ता जो ठेकेदार, आर्किटेक्ट, इंटीरियर डेकोरेटर, डॉक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, अधिवक्ता आदि की सेवाएं लेंगे और 50 लाख रुपये से ज्यादा सालाना भुगतान एकमुश्त व थोड़ा-थोड़ा करके करेंगे तो धारा (194-जे) के तहत टीडीएस कटना अनिवार्य होगा। शहर में बड़ी संख्या में लोग प्रोफेशनल की सहायता लेकर काम करते हैं। इसलिए अब वह सावधानीपूर्वक टीडीएस करके ही भुगतान करें। बता दें कि किसी भी प्रकार के अनुबंध के तहत होने वाला भुगतान धारा (194-सी) में शामिल है।
बोले कर एवं वित्त सलाहकार
कर एवं वित्त सलाहकार डाॅ. पवन जायसवाल कहते हैं कि आयकर रिटर्न दाखिल करने और सही तरीके से आयकर चुकाने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत खर्चो पर भी टीडीएस व्यवस्था लागू की गई है। एक सितंबर से यह व्यवस्था प्रभावी हो गई है।