Move to Jagran APP

आपको इस सप्ताह बाढ़ से राहत नहीं मिलने वाली, खबर पढ़ें और जानें कारण Prayagraj News

शहर के बाशिंदों को अभी इस सप्‍ताह तक गंगा यमुना नदियों के बाढ़ पानी से राहत नहीं मिलने के आसार जताए जा रहे हैं। क्‍योंकि बैराज और विभिन्‍न नदियों में पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 12:04 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 12:11 PM (IST)
आपको इस सप्ताह बाढ़ से राहत नहीं मिलने वाली, खबर पढ़ें और जानें कारण Prayagraj News
आपको इस सप्ताह बाढ़ से राहत नहीं मिलने वाली, खबर पढ़ें और जानें कारण Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बाढ़ से फिलहाल अभी जनपदवासियों को राहत मिलने के आसार नहीं है। मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तराखंड से छोड़े गए पानी से गंगा व यमुना का जलस्तर 87 मीटर से ऊपर जा सकता है। इससे वर्ष 1978 की भयावह बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने की भी आशंका है। हालांकि जिला प्रशासन ने सेना को भी सतर्क कर दिया गया है। वहीं एनडीआरएफ की टीमें भी राहत प्रदान कर रही हैं।

loksabha election banner

गंगा-यमुना का जलस्तर 87 मीटर के ऊपर जाने की संभावना
मंडलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने 87 मीटर के ऊपर जलस्तर होने की आशंका जताते हुए प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी व फतेहपुर के डीएम-एसएसपी को अलर्ट करते हुए राहत कार्य में तेजी से जुटने के निर्देश दिए हैैं। यदि 87 मीटर के ऊपर जलस्तर पहुंच जाएगा तो शहर के 50 से ज्यादा मोहल्ले और चार सौ गांवों के जलमग्न होने की आशंका उत्पन्न हो जाएगी। यमुना किनारे स्थित करैलाबाग, करेली, करामत की चौकी, बक्शी मोढ़ा, बक्शी कला, असरावल, ककरहा घाट, मीरापुर, सदियापुर, गऊघाट, बलुआघाट तथा गंगा किनारे स्थित नीवा, द्रौपदी घाट, राजापुर, गंगानगर, मऊ सरैया, बेली, म्योराबाद, मेहदौरी, शंकरघाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, चिल्ला, सलोरी, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, सादियाबाद, दारागंज के 50 से ज्यादा मोहल्ले जलमग्न हो सकते हैैं।

विशेष जानकारी के लिए
- जिले में 87 मीटर तक जा सकता है गंगा और यमुना का जलस्तर, मंडलायुक्त ने अफसरों को किया अलर्ट
- राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल नदी का छोड़ा 18 लाख क्यूसेक पानी
- मप्र के दो डैम से केन व बेतवा का छोड़ा गया छह लाख क्यूसेक पानी
- राजस्थान व मध्य प्रदेश के पानी से यमुना नदी का और बढ़ेगा जलस्तर
- हरिद्वार-कानपुर बैराज व नरौरा बांध से भी तीन लाख क्यूसेक छोड़ा गया
- जनपद में वर्ष 1978 की भयावह बाढ़ की स्थिति हो सकती है उत्पन्न
- जिला प्रशासन ने सेना को भी किया सतर्क, एनडीआरएफ की टीमें लगाई

चंबल नदी पर बने बैराज से 18 लाख क्यूसेक छोड़ा गया है पानी
सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में भारी वर्षा के कारण चंबल नदी उफान पर हैैं। कोटा में स्थित चंबल नदी पर बने बैराज से 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो प्रयागराज में आगरा, औरैया होते हुए तीसरे दिन पहुंच जाएगा। इसी तरह मध्य प्रदेश में केन और बेतवा का पानी माताटीला व बरियारपुर बांधों से छोड़ा गया है। इन बांधों से छह लाख क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है। लाचूरा बांध से भी एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। इन बांधों व बैराजों से छोड़े गए पानी से यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा। इसी तरह उत्तराखंड के टिहरी बांध, हरिद्वार बैराज व उप्र के नरौरा बांध तथा कानपुर बैराज से भी गंगा में पानी छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से गंगा भी उफान पर हैैं। आने वाले दिनों में गंगा का जलस्तर भी और बढ़ेगा।

बाढ़ से निचले इलाकों में तबाही की आशंका से दहशत
बाढ़ के पानी के कारण निचले इलाकों तबाही की आशंका जोर पकडऩे लगी है। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन ने राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैैं। डीएम बीसी गोस्वामी ने मातहत अफसरों को निर्देश दिए हैैं कि राहत शिविरों में पूरी व्यवस्था कराई जाए। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिन-जिन विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे सतर्क रहें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.