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...एक था 'मोती महल' जहां जुटती थी दर्शकों की भीड़, अब बन गया इतिहास Prayagraj News

शहर का ऐतिहासिक और सबसे पुराना सिनेमाहाल मोती महल अब इतिहास बन गया है। इसकी जर्जर बिल्डिंग का आधा हिस्‍सा जमींदोज हो गया तो आधे को पीडीए ने ध्वस्त कराया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 08:37 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 08:37 AM (IST)
...एक था 'मोती महल' जहां जुटती थी दर्शकों की भीड़, अब बन गया इतिहास Prayagraj News
...एक था 'मोती महल' जहां जुटती थी दर्शकों की भीड़, अब बन गया इतिहास Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बात करीब साढ़े तीन दशक पुरानी है। उस जमाने में यहां फिल्म प्रेमियों की भीड़ जुटती थी। फिल्म के हर शो के लिए टिकट घर पर लोगों की इसलिए मारामारी रहती थी कि पहले हमें टिकट मिल जाए। तब मोटर गाड़ी का प्रचलन कम ही था। अधिकांश लोग आवागमन के लिए साइकिल का ही प्रयोग करते थे। यहां टिकट लेने के लिए स्टैंड में जाने से पहले सड़क किनारे ही साइकिल खड़ा कर देते थे। जी हां यहां बात हो रही शहर के सबसे पुराने सिनेमा हाल मोतीमहल की, जो अब इतिहास के पन्नों में नजर आएगा।

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शहर का सबसे पुराना और ऐतिहासिक सिनेमा हाल मोतीमहल ढह गया

शहर का ऐतिहासिक मोतीमहल सिनेमाहाल अब इतिहास के पन्नों में अंकित हो गया है। यह सिनेमाहाल कोतवाली थाना क्षेत्र के विवेकानंद मार्ग (हीवेट रोड)पर स्थित था। उसकी बिल्डिंग काफी जर्जर हो चुकी थी। सोमवार को भोर में करीब चार बजे अचानक सिनेमाहाल का आधा हिस्सा भरभराकर जमींदोज हो गया। मलबा सड़क तक आने के कारण आवागमन बाधित हो गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के अफसर, कोतवाली पुलिस, पीडीए व नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

बिल्डिंग के बचे हिस्‍से को पीडीए ने जमींदोज किया

बिल्डिंग का जो हिस्सा बचा था, वह भी काफी जर्जर था। इसको देखते हुए अधिकारियों ने इसको भी गिराने का निर्णय लिया ताकि भविष्य में अप्रिय घटना को रोका जा सके। पीडीए ने जेसीबी से बचे हिस्से भी ध्वस्त करा दिया। पीडीए के जोनल अधिकारी आलोक पांडेय ने बताया कि बिल्डिंग जर्जर होने के कारण ही गिरी थी।

32 साल से बंद था सिनेमाहाल

स्वामी विवेकानंद मार्ग पर स्थित मोतीमहल सिनेमाहाल 32 साल से बंद था। घाटा लगने पर इसे चार सितंबर 1987 को बंद कर दिया गया था। इसके बाद भवन स्वामी ने सिनेमाहाल की बिल्डिंग बेच दी। बिल्डिंग खरीदने वालों ने इसका नवीनीकरण शुरू कराया तो अनुमति न होने पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने निर्माण रुकवा दिया। इसके बाद से भवन बंद पड़ा था।

बाल-बाल बचे लोग

सिनेमाहाल की जर्जर बिल्डिंग के बरामदे में आए दिन रिक्शा वाले और मजदूर सो जाते थे। रविवार रात भी कुछ रिक्शा चालक और भिक्षावृत्ति करने वाले सिनेमाहाल के बगल में सो रहे थे। चूंकि वह जहां सो रहे थे, बिल्डिंग का वह हिस्सा नहीं गिरा जिससे उनकी जान बच गई।


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