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बीमार बच्चों का हक मेडिकल कॉलेज के खाते में डंप Prayagraj News

बच्चों के इलाज के लिए सरकार ने जो बजट मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज कालेज को दिया वह डंप पड़ा है। चिकित्‍सकों ने अरुचि दिखाई और अब बजट को वापस करने की तैयारी है।

By Edited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 09:38 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 03:36 PM (IST)
बीमार बच्चों का हक मेडिकल कॉलेज के खाते में डंप Prayagraj News
बीमार बच्चों का हक मेडिकल कॉलेज के खाते में डंप Prayagraj News

प्रयागराज, [मनीष मिश्र]। बच्चों के इलाज के लिए सरकार ने जो बजट मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को दिया वह अभी तक खाते में डंप है। करीब 24 लाख रुपये का बजट अब शासन को वापस किए जाने की तैयारी है। यदि यह बजट बच्चों के इलाज के काम आता तो शायद उन्हें सहूलियत मिलती। यहां बजट तो पर्याप्त है लेकिन बच्चों का बेहतर इलाज कौन करे यह समस्या है।

आरबीएसके के तहत एमएलएन मेडिकल कॉलेज को धनराशि दी गई
आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के तहत वर्ष 2017-18 में में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को 25 लाख रुपये की धनराशि दी गई थी। इस राशि से 19 साल तक के लोगों का इलाज किया जाना था। इसमें मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े पैरों की सर्जरी, जन्मजात बहरापन, कटे ओठ व तालू की सर्जरी किए जाने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इस रकम का इस्तेमाल नहीं हुआ। यह रकम मेडिकल कॉलेज के बैंक खाते में डंप है।

मेडिकल कॉलेज ने महज 1.17 लाख रुपये ही खर्च किए
मेडिकल कॉलेज ने इन जन्मजात बीमारियों के इलाज के लिए इस रकम में से अब तक महज 1.17 लाख रुपये ही खर्च किए। कुल 40 बच्चों को इसका लाभ मिला है। इनमें 38 बच्चों का मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ और दो बच्चों को कान बहने की समस्या थी, जिनका ऑपरेशन किया गया। आरबीएसके की ओर से मेडिकल कॉलेज को बार बार पत्र भेजा जा रहा है लेकिन इसमें शेष रकम बच्चों के इलाज पर खर्च नहीं की जा रही।

इलाज के लिए वेटिंग में हैं 70 बच्चे
आरबीएसके की टीम ने 70 बच्चों को चिह्नित करके रजिस्टर्ड किया है, जिन्हें इलाज की आवश्यकता है। बजट होने के बावजूद गरीब बच्चों के इलाज के लिए यह रकम खर्च नहीं की जा रही। इन बच्चों को चिह्नित करने के लिए आरबीएसके की टीम आंगनबाड़ी केंद्रों व परिषदीय विद्यालयों में जाती है।

आरबीएसके मैनेजर बोले
आरबीएसके मैनेजर अंकुश दुबे कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज को कई बार पत्र लिखा गया लेकिन वहां पर इसके लिए रुचि नहीं ली जा रही है। इस बार हम लोग उस बजट को रिन्यूवल नहीं कर रहे हैं और शासन को इसकी सूचना भेजेंगे।

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कहा
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि इसमें दवाओं की रसीद मरीज के नाम से ही बनती है और हम प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवा नहीं खरीद सकते हैं। सीएमओ को भी लिखा है कि वह जन औषधि केंद्रों से दवा खरीदने के लिए अनुमति दें तो आसानी होगी। हमने कई बच्चों का इलाज आरबीएसके के तहत किया है।

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