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सावन निकट, बोल बम के जयकारों संग हिलोरें मारने लगी कांवरियों की आस्था Prayagraj News

सावन का महीना शुरू होने वाला है। हर ओर भगवान शिव की आराधना की तैयारी है। कांवरियों का जत्था गंगा घाटों से जल लेकर बाबा धाम जाने लगा है। हालांकि घाट पर अव्यवस्था भी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 01:37 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 01:37 PM (IST)
सावन निकट, बोल बम के जयकारों संग हिलोरें मारने लगी कांवरियों की आस्था Prayagraj News
सावन निकट, बोल बम के जयकारों संग हिलोरें मारने लगी कांवरियों की आस्था Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सावन महीना शुरू होने में अभी भले ही कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन कांवरियों का उत्साह अभी से हिलोरें मारने लगा है। संगम तट बोल बम के जयकारों से गूंजने लगा है। वहीं गंगा के विभिन्न घाटों से भी कांवरिए जल भरकर बाबा के धाम रवाना होंगे। हालांकि दशाश्वमेध घाट पर बदइंतजामी नजर आ रही है। सावन के महीने में कांवरियों को इससे परेशानी उठानी पड़ सकती है।

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दशाश्वमेध घाट पर बदइंतजामी

दारागंज के दशाश्वमेध घाट पर हर साल सावन के महीने में हजारों कांवरिये पहुंचते हैं। यहां से स्नान और इसके बाद कांवर में जल भरकर काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए वाराणसी की ओर रवाना होते हैं। वहीं प्रशासन की ओर से इस घाट पर अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

पौराणिक मान्यता है दशाश्वमेध घाट की

मान्यता है कि दशाश्वमेध घाट पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने दशाश्वमेध यज्ञ किया था। इसलिए सावन में गंगा नदी के इस घाट का सबसे अधिक महत्व होता है। इसी घाट पर प्रदेश के विभिन्न जिलों व अन्य राज्यों से भी कांवरियों के जत्थे पहुंचते हैं। कांवरियों के लिए रास्ता सुलभ कराने तथा प्रकाश की व्यवस्था होती है। इस बार घाट बदहाल है। वहां न तो सफाई हो सकी न ही समतलीकरण हुआ। प्रकाश के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए जा सके हैं। घाट किनारे रेत से भरी कुछ बोरियां ही रखी रहीं। स्थानीय लोगों ने कहा कि सावन को चार दिन बचे हैं घाट पर अब तक व्यवस्था हो जानी चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ दिख नहीं रहा। इससे कांवरियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

कांवरियों की सुरक्षा में हाईवे पर 24 घंटे गश्त

कांवरियों की सुरक्षा का खाका पुलिस ने तैयार कर लिया है। सबसे ज्यादा सुरक्षा इंतजाम प्रयागराज-वाराणसी हाईवे पर किया जा रहा है। कांवरियों की सुरक्षा में हाईवे पर 24 घंटे गश्त होगी। कुछ प्वाइंटों पर आरएएफ की तैनाती भी की जा रही है। एडीजी एसएन साबत ने प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चित्रकूट समेत अन्य जिलों में सुरक्षा के मद्देनजर निर्देश भेज दिए हैं। 

हाईवे पर मीट, मछली व अंडे की दुकानें बंद रहेंगी

कांवर यात्रा के मद्देनजर हाईवे पर खुलने वाली मीट, मछली, अंडे की दुकानों को लेकर भी निर्देश जारी हुए हैं। कांवर यात्रा के दौरान यह दुकानें बंद कराने की तैयारी है। पुलिस अधिकारियों ने वाराणसी मार्ग के ढाबों, खाने की होटलों, चाय नाश्ते की दुकानों की सूची तैयार कराई है। सभी के नाम पते का वेरीफिकेशन हो रहा है। इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर मस्जिद और मदरसों के आसपास सुरक्षा इंतजाम कराए जा रहे हैं। हाईवे पर पडऩे वाले मंदिरों की सुरक्षा और वहां के अन्य इंतजामों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई है। एडीजी ने यातायात पुलिसकर्मियों को हाईवे पर तैनात करने का निर्देश दिया है। रूट डायवर्जन को सख्ती से लागू करने के लिए एसपी टै्रफिक को निर्देश दिया गया है। 

कांवरियों का जत्था गंगाजल लेकर बाबा के धाम रवाना 

इसी क्रम में रीवा (मध्य प्रदेश) से पहुंचे कांवरियों के जत्थे ने संगम में स्नान किया। इसके बाद जल लेकर बाबा बैजनाथ धाम की ओर रवाना हो गए। कांवरियों ने बताया कि यहां से वे मेंहदीपुर बालाजी जाएंगे। दर्शन करने के बाद वहां से झारखंड के सुल्तानगंज पहुंचेंगे। वहां उत्तर वाहिनी गंगा नदी से जल लेकर बाबा बैजनाथ धाम जाएंगे। बताया कि बैजनाथ धाम पहुंचते-पहुंचते 18 या 19 जुलाई हो जाएगी। तब तक सावन भी लग चुका होगा। श्री निवास त्रिपाठी, रोशनलाल, नंदलाल, विवेक और कृष्ण प्रताप सिंह के मुताबिक वे एक दशक से भी अधिक समय से कांवर यात्रा कर रहे हैं। 


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